रोहित कश्यप,मुंगेली. जिला मुख्यालय स्थित स्वास्तिक हेल्थ केयर हॉस्पिटल पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाया है. महिला का आरोप है कि उनकी जानकारी के बगैर इस अस्पताल के डॉक्टरों ने उनका गर्भपात कर दिया. यही नही महिला ने पुलिस से शिकायत करते हुए यह भी कहा है कि उनके सास-ससुर द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बहाने धोखा देकर उनका अबॉर्शन करवा गया है. महिला ने एसपी से उचित कार्रवाई कर न्याय की मांग की है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने तत्काल एडिशनल एसपी को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं.
जानिए क्या है मामला
SP गिरिजाशंकर जायसवाल से न्याय की गुहार लगाते हुए पीड़ित महिला खुशबू ने शिकायत दर्ज कराई है कि 28 जुलाई को मेरी सास मोतीम बाई और ससुर सीताराम गबेल ने मुझे स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बहाने मुंगेली चलने को कहा, इस पर मैंने कहा कि तीन-चार महीने के प्रेगनेंसी में अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है. इसके बावजूद उन्होंन मुझे जबरन चेकअप के बहाने मुंगेली के स्वास्तिक हेल्थ केयर प्राईवेट हॉस्पिटल ले गए.
पीड़िता ने बताया कि अस्पताल में पहले मुझे एक किनारे में बैठा दिया गया, मेरे सास व ससुर हॉस्पिटल के डॉक्टर से क्या बात किये मुझे नहीं मालूम. इसके बाद मुझे कुछ इन्जेशन और दवाइयां दी गई और फिर दूसरे दिन डॉक्टरों ने मुझसे बिना पूछे-बताए मेरा अबॉर्शन कर दिया और मुझे भनक भी नहीं लगने दी. मुझे अबॉर्शन का पता तब चला, जब मुझे ब्लीडींग होने लगी. मैंने अपने सास-ससुर से अपने माता-पिता से बात कराने को कहा, तो उन्होंने कहा कि हमने फोन कर उन्हें तुम्हारे तबियत खराब होने की जानकारी दे दी है. इसके बाद उसी दिन 29 जुलाई को मेरी मां मिलने आई, तब मैंने अपनी मां को पूरी घटना की जानकारी दी. जिसके बाद मेरी मां ने सास से ऐसा करने का कारण पूछा तो मेरी सास ने काफी गाली गलौच किया. घटना के बाद 2 अगस्त को मेरी मां मुझे मायके लेकर जाने के लिए ससुराल आई, तब मेरे पति ने मेरे और मेरी माँ के साथ जबरन मारपीट की.
पीड़िता ने लल्लूराम डॉट कॉम न्यूज़ से बताया कि फास्टरपुर थाना में कार्रवाई नहीं होते देख मैंने एसपी के समक्ष उपस्थित होकर न्याय की गुहार लगाते हुए अपने ससुर सीताराम, सास मोतीमबाई और पति प्रताप गबेल समेत स्वास्तिक हेल्थ केयर के डॉक्टरों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग किया है.
मिसकैरेज होने की स्थिति में किया गया अबॉर्शन: हॉस्पिटल प्रबंधन
हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से स्वास्तिक हेल्थ केयर के डॉक्टर जितेंद्र साहू ने कहा कि उक्त महिला के सोनोग्राफी रिपोर्ट के आधार पर पता चला कि बच्चें का मूवमेंट नहीं होने और मिसकैरेज होने की स्थिति में मरीज और उनके परिजनों की सहमति के बाद अबॉर्शन किया गया है. हालांकि यह जांच का विषय है.
जानिए प्रशासन ने क्या कहा
लल्लूराम डॉट कॉम न्यूज़ से बातचीत में मुंगेली पुलिस अधीक्षक गिरिजाशंकर जायसवाल ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल संज्ञान में लेकर जांच के निर्देश दिए है. शिकायत सही पाई गई तो दोषी कोई भी हो, उनपर कार्रवाई की जाएगी.
सवालों के घेरे में स्वास्तिक अस्पताल प्रबंधन
साल भर पहले खुले स्वास्तिक हेल्थ केयर में अव्यवस्था का अंबार है. यहां बोर्ड पर डॉक्टर की लम्बे फेहरिस्त के नाम दिखाई जरूर देंगे, लेकिन अस्पताल में आपको एक-दो के अलावा कोई नजर नही आएंगे. यही वजह है कि कुछ माह पूर्व कई खामियों की वजह से स्वास्थ्य विभाग ने इस हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर को सील किया था. हालांकि बाद में अचानक कैसे खुल गया इसकी स्पष्टता नही है.
वहीं अस्पताल को लाइसेंस जारी हुआ भी है या नही यह गंभीर जांच का विषय है. क्योंकि जिस वक्त स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की थी, उस समय परमानेंट लायसेंस भी जारी नही हुआ था. यदि लाईसेंस अब भी जारी नहीं हुआ है, तो आईपीडी मरीजों को भर्ती करके उपचार कैसे किया जा रहा है? जबकि परमानेंट लाइसेंस मिलने से पूर्व सिर्फ ओपीडी मरीजों के इलाज की अनुमति होती है.
ऐसे में इस अस्पताल में महिला के सहमति बगैर गर्भपात करना गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसे में पुलिस-प्रशासन को संज्ञान में लेकर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि कोई भी अस्पताल अवैधानिक कृत्य करने से डरे.
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