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Abujhmad Peace Half Marathon 2025: छत्तीसगढ़ का कोर नक्सल क्षेत्र नारायणपुर जिले में अब धीरे-धीरे नक्सलियों की दहशत खत्म हो रही है. रविवार से यहां अबूझमाड़ पीस (शांति) हाफ मैराथन का आयोजन किया गया है. आयोजन में छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों के लोग शामिल हुए. इसी बीच नारायणपुर के तहसीलदार सौरभ कश्यप ने बस्तर को रिप्रेजेंट करते हुए गाना गाया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. अपने गाने में सौरभ ने बस्तर में रहने वाले लोगों के जिंदगी में आने वाली रोज की चुनौतियों और उनके जीने के तरीके को महज 3 मिनट में बयां किया है. इस गाने को काफी सराहा भी जा रहा है.
बता दें, नारायणपुर के अबूझमाड़ का क्षेत्र, वर्षों तक नक्सल गतिविधियों के कारण चर्चित रहा है. घने जंगलों, ऊँची पहाड़ियों और दुर्गम रास्तों से घिरा यह इलाका कभी आम लोगों के लिए अज्ञात और असुरक्षित माना जाता था. लेकिन समय बदला, सरकार और सुरक्षा बलों के प्रयास रंग लाए, और अब यह क्षेत्र शांति, विकास और खेलों की नई पहचान बना रहा है.इसी कड़ी में, अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 का आयोजन 2 मार्च को होने जा रहा है. यह केवल एक दौड़ नहीं, बल्कि इस क्षेत्र के नए बदलाव और उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक बन चुका है. यह मैराथन शांति, एकता और विकास का संदेश देती है, जिससे अबूझमाड़ की पहचान सिर्फ नक्सलवाद से नहीं, बल्कि खेल और चैंपियनों की धरती के रूप में होगी.
अबूझमाड़ के युवाओं में जबरदस्त खेल प्रतिभा छिपी हुई थी, लेकिन नक्सलवाद के कारण उन्हें कभी मंच नहीं मिल सका. छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन ने इस इलाके को मुख्यधारा से जोड़ने और युवाओं की प्रतिभा को संवारने के लिए कई कदम उठाए हैं.हाल ही में बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजनों में अबूझमाड़ के खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था. उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अब यह हाफ मैराथन युवाओं को आगे बढ़ने का नया मंच दे रही है.अबूझमाड़, जिसे पहले हिंसा और संघर्ष के लिए जाना जाता था, अब धावकों के कदमों की गूंज से गूंजेगा.
इस दौड़ का मार्ग प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है.जिसकी शुरुआत नारायणपुर हाई स्कूल ग्राउंड से और समाप्ति ओरछा ब्लॉक के बासिंग गांव में होगी,जिसकी कुल दूरी 21 किलोमीटर है.धावकों को घने जंगलों पहाडो के बीच बने सड़क से होकर गुजरना होगा, यह मैराथन न केवल शारीरिक क्षमता की परीक्षा होगी, बल्कि यह प्रकृति की सुंदरता और चुनौतियों से रूबरू होने का अनुभव भी कराएगी.इस मैराथन में देश-विदेश के धावक हिस्सा ले रहे हैं. अब तक 8000 से अधिक धावक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है.इस आयोजन को लेकर स्थानीय युवाओं, सुरक्षाबलों और आम जनता में जबरदस्त उत्साह है.
मैराथन को लेकर पूरे जिले में उत्सव जैसा माहौल है.16 फरवरी को वॉल पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें युवाओं ने अपनी कल्पनाओं के रंगों से शांति और विकास का संदेश दिया साथ ही जिले भर में जागरूकता रैलियाँ और प्रचार अभियान चलाए जा रहे हैं. वहीं प्रशासन और पुलिस विभाग ने नागरिकों से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की है.
इस ऐतिहासिक दौड़ में विजेताओं को कुल 15,84,000 रुपये के इनाम दिए जाएंगे. जिसमे प्रथम पुरस्कार – 1,50,000 रु द्वितीय पुरस्कार 1,00,000 रु वतृतीय पुरस्कार 75,000 रु है. मैराथन को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं.आयोजन को लेकर सुरक्षा बलों की विशेष तैनाती, बैरिकेडिंग, यातायात नियंत्रण, पेयजल, स्वच्छता और मेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था की गई है.बाहरी धावकों और अतिथियों के ठहरने, भोजन और परिवहन की विशेष व्यवस्था की गई है.
मैराथन के संबंध में नारायणपुर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगई ने मार्च को मैराथन होगा और एक दिन पूर्व हम ओपनिंग इवेंट करेंगे जिसकी भी तैयारियां चल रही है,मैराथन रूट के तैयारी के लिए हमने अधिकारीयो को निर्देशित कर दिया है.हमारी कोशिश है अबूझमाड़ क्षेत्र और नारायणपुर जिले की छवि सकारात्मक बने,पिछले कुछ वर्षों से यह क्षेत्र नक्सलवाद से ग्रसित रहा है,इसलिए हम चाह रहे हैं इस क्षेत्र की संस्कृति और प्रकृति को नेशनल व इंटनेशनल फोरम मिले.
नारायणपुर एस पी प्रभात कुमार ने कहा अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन का यह चौथा संस्करण है,इस आयोजन के प्रमोशन के लिए हमने नारायणपुर में 5 व 10 किलोमीटर रन कराया था. कुछ दिनों पहले हमने अबूझमाड़ के अब कुतुल में हमने पुलिस कैम्प खोले हैं वहां पर हमने 5 किलोमीटर का प्रमोशनल रन भी कराया था. नारायणपुर कभी नक्सलियों के गढ़ के रूप में जाना जाता था नारायणपुर की जनता ने और यहां विकास की योजनाओं ने इन धारणाओं को बदल दिया है. इन आयोजनों के थ्रू हम देश विदेश के लोगों को बताएँगे की अब नारायणपुर की जो छवि रही थी वह बदल चुकी है.
वही स्थानीय धावक सूरज साहू ने कहा पहले नारायणपुर को देश-विदेश में नक्सलवाद और हिंसा के नाम से जाना जाता था वहीं विगत वर्षों से जिस तरह से जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहे हैं और खेलों का आयोजन किया जा रहे हैं इसके बाद से यहां से चैंपियन निकलकर सामने आ रहे हैं. यहां मलखम्ब के खिलाड़ियों ने भी गोल्ड मेडल लेकर आया है. आगे उन्होंने अपील करते हुए कहा मैंने अपना रजिस्ट्रेशन कर लिया है अधिक से अधिक लोग अपना रजिस्ट्रेशन कराए व एक बार नारायणपुर आए यहां की भव्यता को देखिए यहां की सुंदरता को देखिए और एक बार शांति के लिए दौड़िये. वहीं इंडिया’एस गोट टैलेंट सीजन 10 के विनर व मलखम्ब चैम्पियन अजमत फ़रीदी ने भी अपील करते हुए कहा अबूझमाड़ आइए और यहां की सुंदरता देखिए व दौड़िये शांति के लिए.
अबूझमाड़, जिसे कभी गोलियों की गूंज और लाल सलाम की छाया में देखा जाता था, अब धावकों की ऊर्जा और खेल भावना से रोशन हो रहा है.यह आयोजन न केवल खेल को बढ़ावा देगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि अबूझमाड़ के जंगल सिर्फ संघर्ष की नहीं, बल्कि शांति और सफलता की कहानियाँ भी लिख सकते हैं.अब अबूझमाड़ बंदूकों से नहीं, बल्कि धावकों के जोश और जज्बे से पहचाना जाएगा.
विजेताओं को मिले आकर्षक पुरस्कार और सम्मान
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त विजेताओं को 1.5 लाख रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त विजेताओं को 1 लाख रुपये और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को 75 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया. शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वालों को भी पुरस्कार दिया गया. स्थानीय प्रतिभाओं को भी 5-5 हजार रुपये की नकद राशि देकर सम्मानित किया गया.
मैराथन का शुभारंभ संसदीय कार्य, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप और धरसींवा विधायक अनुज शर्मा ने किया. कार्यक्रम में बस्तर आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाई, वरिष्ठ अधिकारीगण, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी एवं हजारों दर्शक उपस्थित थे.
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