रवि साहू, नारायणपुर। नारायणपुर जिले में नक्सल प्रभावित इलाकों में शिक्षा को बढ़ावा देने अनेक पहल किये जा रहे हैं. नारायणपुर जिले के अंदरूनी घोर नक्सल प्रभावित गांवों तक बेहतर गुणवत्ता वाली शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रशासन के जरिये स्कूलों में हायर सेकेंडरी स्कूल खोले जा रहे हैं और विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है. दरअसल, नारायणपुर के अंदरूनी इलाकों की दशा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. नक्सलवाद का दंश झेल रहे जिले का कई हजार वर्ग किलोमीटर का इलाका आज भी अबूझा है, जिसे हम अबुझमाड़ के नाम से जानते है.

सरकारें यूं तो आते जाते रहती है और सरकारों के आने जाने से यहां की तस्वीर बिल्कुल भी बदलती नजर नहीं आती है. लेकिन कलेक्टर अजित वसंत के पहल से शिक्षा के क्षेत्र को बेहतर करने का प्रयास किया गया है. इसकी तस्वीर भी सामने आई है. जिसमें दिखाई दे रही खूबसूरत तस्वीर यहां निवासरत अबुझमाड़िया जनजाति के उज्जवल भविष्य को गढ़ने वाली है.

नारायणपुर जिले के नारायणपुर विकासखंड के अंतिम गांव सोनपुर में अब तक प्राथमिक स्कूली शिक्षा यहां के बच्चों को मिल पाता था. 5 वीं तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद यहां के बच्चे आगे की पढ़ाई बहुत ही मुश्किल से कर पाते थे. लेकिन नारायणपुर जिले में पदस्थ कलेक्टर अजित वसंत के प्रयासों से यहां बेहतर शिक्षा को बढ़ावा देने कई नई पहल की गई और प्राथमिक स्कूल को हायर सेकेंडरी का दर्जा दिलवा दिया गया. हायर सेकेंडरी स्कूल खुलने के बाद अब इलाके के बच्चों को बेहतर शिक्षा ग्रहण करने मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी.

अबूझमाड़ का ग्राम सोनपुर जहां दशकों से सामान्य दिनों में भी लॉकडाउन जैसी स्थिति बनी रहती थी. वहीं अब प्रशासन के अथक प्रयासों से विकास कार्यों के साथ ही बेहतर शिक्षा मुहैया हो पाया है. जिसकी एक खूबसूरत तस्वीर भी सामने आई है. जिसमें स्कूल यूनिफॉर्म में एक छात्रा शिक्षिका का भूमिका अदा करते हुए अन्य छात्रों को पढ़ाते हुए नजर आ रही है. वहीं छात्र भी उत्साहपूर्वक पढ़ाई कर रहे हैं.

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