राजकुमार दुबे, भानुप्रतापपु। दुर्गूकोंदल विकासखंड के कामधेनु गौसेवा संस्थान कर्रामाड़ में लाखों के गबन के मामले में संस्थान के संचालक पीयूष घोष, मलिना घोष, प्रवीण घोष को गिरफ्तार करने में पुलिस को कामयाबी मिली है. इन आरोपियों की दुर्गुकोंदल पुलिस दो साल से तलाश कर रही थी.
थाना प्रभारी अजय साहू ने बताया कि कामधेनु गौसेवा संस्थान कर्रामाड़ में पशुचारा, औषधि, टीकाकरण, शेड निर्माण, बोर खनन के लिए 64 लाख 67 हजार रुपए की अनुदान राशि जारी किया गया था. बड़ी राशि प्राप्त होने के बाद भी पशुओं को दाना-पानी नहीं दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई. मामला उजागर होने पर शासन से जांच समिति गठित की थी.
जांच पाया कि शासन से प्राप्त अनुदान राशि से पशुओं को सही चारा नहीं खिलाने, बीमार पशुओं का उपचार नहीं कराने से 46 पशु भूख बीमार से मौत हुई. वहीं शेड निर्माण के लिए शासन से प्राप्त राशि से नया शेड निर्माण नहीं किया गया, बोर खनन के लिए राशि आने के बाद भी बोर खनन नहीं कराना जांच में पाया गया.
जांच के आधार पर गौसेवा आयोग के सचिव एनपी पासी के रिपोर्ट पर 6/18 धारा 420, 120 बी भादवि दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु पता तलाश की जा रही थी. 17 सितम्बर को संचालक पीयूष घोष की पत्नी एवं संस्थान के अध्यक्ष मलिना मंडल और पुत्र सचिव मलिना मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. वहीं 21 सितम्बर को कामधेनु गौसेवा संस्थान के कोषाध्यक्ष और संचालक पीयूष घोष को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.