रायपुर। अभनपुर तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारी पर भूमाफिया से मिलीभगत कर अन्य भूमि के बैनामा के आधार पर अवैध रूप से नक्शा बटांकन, बिना नोटिस के सुनवाई करने और न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन कर संवैधानिक अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया गया है। इसकी शिकायत रायपुर के संदीप अग्रवाल ने अभनपुर एसडीएम से की है। उन्होंने जांच कर वैधानिक कब्जा दिलाने की गुहार लगाई है। साथ ही प्रकरण की निष्पक्ष जांच किसी स्वतंत्र राजस्व अधिकारी या अपर कलेक्टर से कराने और भूमाफिया से मिलीभगत कर सरकारी अधिकारों का दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
शिकायकर्ता ने अभनपुर तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं पटवारी पर न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने आवेदन में बताया है कि ग्राम केन्द्री. प.ह.नं. 16, तहसील अभनपुर, जिला रायपुर की एक भूमि है, इसे लेकर शिकायत की गई है।

आवेदक ने बताया है कि नायब तहसीलदार अभनपुर नितिन पटेल द्वारा आवेदक को बिना विधिक नोटिस जारी किए ही 30/10/2025 को नियत पेशी कर दी गई। आवेदक द्वारा विधिक आपत्ति आवेदन प्रस्तुत किए आने के बावजूद उसे निराकृत किए बिना ही 03/11/2025 को अंतिम तर्फ के लिए प्रकरण रख लिया गया, जो व्याविक प्रक्रिया के विपरीत है। नायब तहसीलदार नितिन पटेल ने राजस्व निरीक्षक केंद्री को ज्ञापन जारी किया था, परंतु उन्होंने हल्का पटवारी से प्रतिवेदन प्राप्त किए बिना ही अवैधानिक रूप से आदेश पारित किया। यह दर्शाता है कि वे भूमाफिया के प्रभाव में कार्य कर रहे हैं और विधिक अनुभव और निष्पक्षता का अभाव है।
आवेदक ने बताया है कि उपरोक्त कार्यवाही भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 32 एवं 300A के विपरीत है। न्याय पाने के अधिकार एवं संपत्ति के अधिकार का हनन हुआ है। उन्होंने एसडीएम से निवेदन किया है कि पंजीकृत बैनामा दिनांक 18/01/2007 के नक्शा एवं चतुर्सीमा का सूक्ष्म परीक्षण कर 17/09/2025 को पारित नक्शा बटांकन आदेश को पुनर्विलोकन में निरस्त किया जाए। तहसीलवार, नायब तहसीलवार एवं पटवारी के विरुद्ध विभागीय जांच एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाए। वर्ष 1984 से चालू मूल नक्शा एवं रिकार्ड की स्वतंत्र जांच कराई जाए और यह स्पष्ट किया जाए कि स्थानांतरण नीति 2022 की कंडिका 1.5 लागू क्यों नहीं की गई। विवादित भूमि का विधिसम्मत सीमांकन कर आवेदक को वैधानिक कब्जा प्रदान किया आए। प्रकरण की निष्पक्ष जांच किसी स्वतंत्र राजस्व अधिकारी या अपर कलेक्टर से कराई जाए। भूमाफिया से मिलीभगत कर सरकारी अधिकारों का दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी दायित्व निर्धारण किया जाए। इस मामले में राजस्व अधिकारियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया के तहत काम हुआ है।
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