बिलासपुर. बिलासपुर विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में पहल की जा रही है. कुलपति आचार्य डॉ. एडीएन बाजपेयी छत्तीसगढ़ी को विवि में सरकारी कामकाज में शामिल करने की शुरुआत कर चुके हैं. उन्होंने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की तर्ज पर गढ़बो नवा विश्वविद्यालय का नारा दिया. इस नारे का उपयोग विवि के बैच और लेटर हेड में किया जा रहा.

इस कार्य के लिए आचार्य बाजपेयी का ‘छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच’ के संरक्षक नंदकिशोर शुक्ल और संयोजक डॉ. वैभव बेमेतरिहा ने सम्मान किया. इस मौके पर नंदकिशोर शुक्ल और डॉ. बेमेतरिहा ने कुलपति बाजपेयी को छत्तीसगढ़ी भाषा सम्बंधित किताबें भी भेंट की.

कुलपति डॉ. बाजपेयी ने बताया कि विवि में छत्तीसगढ़ी भाषा को स्थापित करने का काम किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के साहित्यकारों को सूचीबद्ध किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ी सम्बंधित व्याख्यानमाला का आयोजन जल्द ही शुरू किया जाएगा. छात्रों को छत्तीसगढ़ के सामाजिक, भौगोलिक, आर्थिक, सांस्कृतिक कार्यों पर शोध करने का कार्य दिया गया. भूपेश सरकार की गोधन न्याय योजना, सुराजी योजना पर भी काम किया जा रहा.

नंदकिशोर शुक्ल ने इसके लिए कुलपति बाजपेयी को बधाई देते हुए कहा कि इसी तरह से छत्तीसगढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए काम करते रहिए हम सब सहयोग करते रहेंगे. आपका प्रयास छत्तीसगढ़ियों के लिए संबल देने वाला है.