हरीशचंद्र शर्मा, ओंकारेश्वर। आचार्य शंकर की गुरु एवं संन्यास भूमि ओंकारेश्वर में 28 अप्रैल से 2 मई तक ‘एकात्म पर्व’ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास एवं मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस पंचदिवसीय पर्व में देशभर के प्रमुख साधु-संत, विद्वान और गणमान्य अतिथि शामिल होंगे। पर्व का मुख्य आकर्षण आचार्य शंकर प्रकटोत्सव होगा, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।

वैदिक अनुष्ठान से होगा शुभारंभ

28 अप्रैल को सुबह 7 बजे महर्षि सांदीपनि वेद विद्यापीठ और आर्ट ऑफ लिविंग गुरुकुल के आचार्य वैदिक अनुष्ठान के साथ एकात्म पर्व का शुभारंभ होगा। इसके बाद भव्य शोभायात्रा अभय घाट से शुरू होकर नगर भ्रमण कर फिर अभय घाट पर संपन्न होगी। पर्व के दौरान विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला ओंकारेश्वर को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगी।

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संतों और विद्वानों की सहभागिता

पर्व में जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, इस्कॉन के गौरांग दास प्रभु, अखंड परमधाम के स्वामी परमानंद गिरि, स्वामी विदितात्मानंद सरस्वती, स्वामी मिथलेश नंदिनी शरण, स्वामी प्रणव चैतन्य पुरी और माँ पूर्णप्रज्ञा जैसी प्रतिष्ठित संत शिरोमणि भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त अनेक विद्वान जैसे चिंतक मुकुल कानिटकर, लेखक नीलेश नीलकंठ ओक, प्रो. गौरी माहुलिकर, प्रो. पंकज जोशी, प्रो. रामनाथ झा, कैप्टन प्रवीण चतुर्वेदी, मृत्युंजय गुहा मजूमदार और विशाल चौरसिया अपने व्याख्यानों के माध्यम से अद्वैत वेदांत के विचारों को प्रस्तुत करेंगे।

1 मई को “रील टू रियल अवेकनिंग वननेस थ्रू स्टोरीटेलिंग” नामक विशेष सत्र का आयोजन होगा, जिसमें गौरांग दास प्रभु, कैप्टन प्रवीण चतुर्वेदी और विशाल चौरसिया संवाद करेंगे। 1 मई को शंकरदूतों द्वारा आचार्य शंकर के स्तोत्रों का सामूहिक गायन भी किया जाएगा।

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प्रकटोत्सव और विशेष आयोजन

2 मई को आचार्य शंकर प्रकटोत्सव के अवसर पर 500 शंकरदूतों का दीक्षा संस्कार संतों की उपस्थिति में अभय घाट पर संपन्न होगा। इस दिन विद्वानों का अलंकरण समारोह भी होगा, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। सायं 5 बजे नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी और नर्मदा घाट पर 10,000 दीपों का प्रज्ज्वलन और भव्य नर्मदा आरती का आयोजन होगा।

सांगीतिक और नृत्य प्रस्तुतियां रहेंगी आकर्षण का केंद्र

पांच दिवसीय पर्व के अंतर्गत ‘शंकर संगीत’ नामक विशेष सांगीतिक श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा। इसमें आचार्य शंकर द्वारा रचित स्तोत्रों और अद्वैत वेदांत पर आधारित प्रस्तुतियां दी जाएंगी। माधवी मधुकर झा, जयतीर्थ मेवुंडी, लोकमाता विद्याशंकर और सुधा रघुरामन जैसे प्रतिष्ठित कलाकारों की प्रस्तुति इस श्रृंखला को विशेष बनाएगी। 2 मई को प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना लता मुंशी अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी।

‘अद्वैतामृतम्’ संवाद सत्र से लाभान्वित होंगे श्रोता

पर्व के दौरान प्रतिदिन सुबह 8:30 से 10:30 और सायं 5:30 से 7:30 बजे तक ‘अद्वैतामृतम्’ नामक विशेष संवाद सत्र आयोजित होंगे। इनमें मां पूर्णप्रज्ञा ‘ओंकार’ विषय पर 28 व 29 अप्रैल को उद्बोधन देंगी। स्वामी प्रणव चैतन्य पुरी 28 अप्रैल से 1 मई तक आचार्य शंकर के जीवन और दर्शन पर विशेष सत्र संचालित करेंगे। प्रो. गौरी माहुलिकर तथा चिंतक मुकुल कानिटकर भी अद्वैत वेदांत पर विशेष व्याख्यान देंगे।

एकात्म धाम का सौंदर्य बढ़ा

आपको बता दें कि ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा ‘एकात्मता की मूर्ति’ (108 फीट ऊंची) का निर्माण पहले ही पूरा किया जा चुका है। इसके साथ ही अद्वैत लोक संग्रहालय और अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जो ओंकारेश्वर को वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा।

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