नितिन नामदेव, रायपुर। साय सरकार के अस्तित्व में आने के बाद से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुनर्वास विभाग ने आम लोगों की सहुलियत के लिए अनेक कदम उठाए हैं. इनमें खसरा, B1, डिजिटल साइन, डायवर्शन सहित कई नियमों को ऑनलाइन किया गया है. रजिस्टर कार्यालय को तहसील से जोड़ा गया है. ऑनलाइन नामांतरण की प्रक्रिया शुरू की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में पट्टा देने का काम किया है. 15,900 गांव में 10 लाख आबादी के लोगों को पट्टा वितरण किया जाएगा.
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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार के गठन के दो साल पूरे होने जा रहे हैं. इस अवसर पर सरकार के तमाम विभागों की उपलब्धियों की जानकारी वरिष्ठ अधिकारी दे रहे हैं. एक-एक कर सभी विभागों के सचिव 25 फरवरी तक प्रेसवार्ता कर जानकारी देंगे. इस कड़ी में आज खाद्य एवं राजस्व विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले ने पत्रकार वार्ता में विभागीय उपलब्धियों की जानकारी दी.

रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि भुइया एप में खसरा, B-1 प्राप्त किया जा सकता है. खसरा धारक का मोबाइल नंबर जोड़ा गया है. ई-कोर्ट की सुविधा रखी गई है. दीनदयाल योजना के तहत कृषि मजदूरों को हम 10 हजार की सहायता दी जाती है. 5 लाख हितग्राहियों को राशि वितरण की गई है. 2 वर्षों में आपदा के प्रभावित लोगों को 321 करोड़ रुपए की राशि का वितरण किया गया है. आपदा के संबंध में 76 करोड़ के काम विभाग द्वारा किया गया है.
सचिव ने बताया कि युवा आपदा मित्र योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 3 हजार युवाओं को आपदा मित्र का प्रशिक्षण दिया है. आपदा आने पर 1070 पर कॉल करके NDRF से सहायता ली जा सकती है. ढाई करोड़ से ज्यादा खसरे ऑनलाइन किए गए हैं, जिन्हें हस्ताक्षर युक्त प्राप्त कर सकते हैं. शीघ्र ही ई गजट की सेवा जारी करने की तैयारी है. ऑनलाइन सेवा से ई गजट SDM के सामने शपथ पत्र प्राप्त कर सकते हैं. डिजिटल तहसील बनाने काम किया जा रहा है. राजस्व रिकॉर्ड का शुद्धिकरण किया जा रहा है. यह सम्पूर्ण राजस्व ग्राम में होगा, जिसमें पहले 50 गांव को सलेक्ट किया गया है.
रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि IIT रुड़की के माध्यम से संपादित किया गया था. शहरी क्षेत्रों में जियो स्पेशल मैपिंग करना नक्शा योजना परिवर्तित खसरा सहित डिजिटाइजेस का काम हम पूर्ण करेंगे. आगामी तीन वर्षों की कार्य योजना इस प्रकार से रहेगी.
अवैध कब्जे पर अतिक्रमण पर कार्रवाई और फाइल घूमने में मामले पर रीना बाबा ने कहा कि मंत्रालय स्तर पर फाइनल घूमती है. हमारा जो सीजी प्राइस है. ऑनलाइन शिकायत को हम रिव्यू भी करते हैं. रिपोर्टिंग करते हैं. इस पर बिल्कुल एक्शन होगा. अगर ऐसी शिकायत आपके संज्ञान में है. कौन सी घटना है. क्या प्रकरण है. कब हुआ है. हम उसे पर कार्यवाही करेंगे.
तहसील और राजस्व विभाग में लंबित फाइलों का निपटारा कैसे होगा इसकी जानकारी देते हुए कहा कि समय-समय पर समीक्षा होती है. कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में इसकी समीक्षा हुई है. मुख्यमंत्री के साथ भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा हुई है. अभिवादित नामांतरण और खाद विभाजन की प्रकरण है. राज्य में अब तक 80 हजार 765 वादित नामांतरण और अभिवादित 60 हजार मामले हैं. नामांतरण, विभाजन, सीमांकन, डायवर्सन, त्रुटि सुधार 20 हजार के लगभग मामले पेंडिंग है. विभिन्न स्तरों पर 52,908 के लगभग मामले पेंडिंग है. इस पर समीक्षा की जाती है.
न्यायालयीन मामले पेंडिंग है. इसकी संख्या लगभग 20 हजार, बिलासपुर में 2 हजारा सरगुजा में 5 हजार, बस्तर में 2 हजार और दुर्ग में सबसे ज्यादा अधिक 7,438 मामले पेंडिंग है. संभाग आयुक्त को भी कहा गया है, और संवेदनशील रखा गया है. E-राजस्व आने से बार-बात पेशी देने का अव्यवाहारिक निर्णय को कम करने का निर्देश दिया है.
कोटवारों की जमीनी के संबंध में जो निर्देश है. शासकीय जमीन बाटेदार हैं. उनकी जमीनों के संदर्भ में विभाग क्या कार्रवाई की जानकारी देते हुए रीना बाबा ने कहा की विभाग के द्वारा जितने भी कोटवार समस्या है. उसे लेकर के जो ग्राम कोटवार होते हैं. ग्राम कोटवारों की जो शासकीय पट्टे की जमीन होती है. धान खरीदी से संबंधित इनका आधार हम ले रहे हैं. एग्रो स्टेट ग्राम कोटवारों को छूट दी गई है. कोटवार की जमीनों का गठबंधन कर देते हैं. या उसको भेज देते हैं. इसे लेकर के करेक्ट का रिव्यू हुआ है. कैरेक्टर कॉन्फ्रेंस में होम डिपार्टमेंट उनके अधीन काम करते हैं. उसके अधीन एक संयुक्त कारगर प्रणाली स्थापित की जा रही है. प्लीज होल्डर काम हो रहे हैं. जमीन वापस तो नहीं लेनी है. इसका प्रबंधन ठीक से हो या काम हमारा होगा.
छत्तीसगढ़ में राशन दुकानों में चावल वितरण और बिचौलियों के द्वारा चावल खरीदकर बेचने को लेकर रीना बाबा कंगाले ने कहा सार्वजनिक वितरण प्रणाली ऑर्डर के अंदर फूड कंट्रोलर को बिल्कुल इसमें जप्त करने की कार्रवाई करने की पावर रहते हैं. जो डी.एस भारतीय न्याय संहिता है. उसके अंतर्गत धारा 316 और 18 के प्रकरण भी हम करते जा रहे हैं. काफी अच्छे PDS कंट्रोल में हमें ऑर्डर मिले हैं. विभिन्न प्रकार के जो केस हैं. इस साल जो हमने दर्ज किए हैं. इन धाराओं में वह भी PDS कंट्रोल ऑर्डर पर जल्द उपलब्ध करवाए जाएंगे.
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