दिल्ली। होली के दिन देश की सियासत में इतना बड़ा तूफान खड़ा हो जाएगा। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। एक सियासी घटना ने सालों पुरानी कांग्रेस की चूलें हिला दी। इन सबके बीच मध्यप्रदेश से एक तस्वीर आई जिसने राजनीति के कीचड़ में खिले कमल जैसा एहसास करा दिया।
दरअसल, मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार कभी अपने दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद वेंटीलेटर पर आ गई। इस चुनौती से निपटने के लिए पार्टी ने अपने दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को मोर्चे पर लगाया। दिग्गी राजा भोपाल से दिल्ली की दौड़ लगाते रहे। पार्टी को संकट से उबारने के लिए इधर से उधर भागते रहे लेकिन इस बीच अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों के बीच एक दादा को अपने दादा होने का फर्ज भी निभाना था।
दरअसल, दिग्विजय सिंह के पौत्र यानि की पोते का जन्मदिन था। दादा दिग्विजय सिंह को सांस लेने की फुर्सत नहीं थी। बावजूद इसके एक अच्छे फेमिली मैन का फर्ज निभाते हुए दिग्विजय सिंह ने अपने शेड्यूल से वक्त निकालकर अपने पोते का जन्मदिन मनाया। भले ही ये बेहद सादगी से मनाया गया हो लेकिन इस एक घटना ने ये जरूर बता दिया कि सख्त से दिखने वाले और दिनभर सियासी दांवपेंच चलने वाले नेता भी हमारी तरह आम इंसान होते हैं और उनके सीने में भी एक पिता, एक स्नेहिल दादा और अभिभावक छिपा रहता है। कम से कम दिग्विजय सिंह ने अपने पोते को हैप्पी बर्थडे विश करके यही साबित किया।