दिल्ली। पूरे देश में छोटी छोटी बातों को लोग सांंप्रदायिक रंग देने से बाज नहीं आते वहीं बैंगलुरू के एक मुस्लिम शख्स ने सिर्फ़ गरीबों को खाना खिलाने के मकसद से अपनी जमीन बेच दी।
बैंगलुरू के मुजम्मिल और तजम्मुल दो भाई हैं। ये लॉकडाउन में भूखे और लाचार लोगों को खाना खिलाते हैं। बिना उनका मजहब जाने या देखे। ये कहते हैं कि ‘अगर हम धर्म देखकर लोगों को खाना देंगे तो ईश्वर हमसे खफा हो जाएगा। खास बात ये है कि इन दोनों भाइयों ने 25 लाख में अपनी संपत्ति बेच दी और अब इन पैसों से गरीब लोगों को राशन मुहैया करा रहे हैं।
37 साल के मुजम्मिल पाशा ने बताया कि ‘हमें लगा कि बहुत से लोग हैं जो गरीब हैं, जिनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है। उनके लिए हमें आगे आना होगा।’ हम कभी बेहद गरीब और तंगहाल थे। जब हमारी गरीबी में हमारा मजहब देखे बिना लोगों ने हमारी मदद की तो हम किसी से कैसे भेदभाव कर सकते हैंं।
दरअसल, इन दोनों भाइयों को एहसास हुआ कि लॉकडाउन के कारण बहुत से गरीब लोगों के लिए हालात बेहद मुश्किल हो गए हैं और उन्हें परेशानी से जूझना पड़ रहा है तो इन दोनों भाइयों अपनी जमीन के टुकड़े को बेचने का फैसला किया। मुजम्मिल ने बताया कि ‘हमने अपनी जमीन का वो टुकड़ा अपने एक दोस्त को बेच दिया। वो सज्जन इंसान था और उसने हमें उस जमीन के बदले 25 लाख रुपये दिये। ‘ वह लोगों का शुक्रिया करते हैं और कहते हैं कि, इस दौरान और भी बहुत से दोस्तों ने अपनी-अपनी ओर से सहयोग किया। किसी ने 50 हज़ार रुपये दिए तो किसी ने एक लाख रुपये। हम अपना काम कर रहे हैं। बाकी ईश्वर देख रहा है। इन दोनों भाईयों के इस नेक काम की जमकर चर्चा हो रही है।