दिल्ली. #MeToo के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा ठोंका है. साथ ही उन्होंने अन्य महिलाओं को भी इसी तरह की क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है.

मीडिया रिपोर्ट्स में अकबर की ओर से 97 वकीलों की फौज उतारे जाने की बात कही जा रही है. करंजावाला एंड कंपनी लॉ फर्म एमजे अकबर का केस लड़ रही है. फर्म के वकालतनामा में 97 वकीलों नाम दर्ज हैं. हालांकि बताया गया है कि उनमें से केवल 6 वकील अकबर का केस लड़ेंगे.

बता दें कि वकालतनामे के 41वें पन्ने पर अन्य वकीलों के साथ सीनियर वकील संदीप कपूर, वीर संधु, निहारिका करंजावाला, अपूर्व पांडे और मयंक दत्ता का नाम लिखा है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि ये वकील इस केस की सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की तरफ से पेश हो सकते हैं. M/s करांजावाला एंड कंपनी के प्रवक्ता एडवोकेट संदीप कपूर ने कहा, “हमारी लॉ फर्म हैं और जब भी हम फर्म की तरफ से कोई याचिका दायर करते हैं तो हमें अपनी फर्म के तहत रजिस्टर्ड सभी वकीलों के नामों का जिक्र वकालतनामे पर करना होता है.” उन्होंने बताया कि यह महज एक प्रक्रिया है जिसका पालन हमने किया है. उन्होंने बताया कि वकालतनामे में 6 वकीलों के साइन हैं और केवल वे ही इस केस की कार्रवाई में कोर्ट के सामने पेश होंगे.

लॉ फर्म की ओर से दायर वकालतनामे में 97 वकीलों में नाम हैं, जिनमें 35 महिलाएं हैं. अकबर की ओर से दायर केस में कहा गया है कि प्रिया एक एजेंडे के तहत बदनाम कर रही हैं. अकबर ने दो वरिष्ठ महिला पत्रकारों और चार अन्य को गवाह बनाया है.

वहीं दूसरी और प्रिया ने पोस्ट कर कहा, महिलाओं ने निजी और पेशेवर जिंदगी को जोखिम में डालकर आवाज उठाई है. इसे राजनीतिक साजिश से जोड़ना दुखद है. सच ही मेरा इकलौता बचाव है. उन्होंने आगे कहा कि, ”मुझे इस बात से बड़ी निराशा हुई है कि केंद्रीय मंत्री ने कई महिलाओं के आरोपों को राजनीतिक साज़िश बताकर ख़ारिज कर दिया है.”