दिल्ली. दो अलग-अलग जातियों का होने की वजह से प्रेमी और प्रेमिका को कई मर्तबा बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार प्रेमी-प्रेमिका के परिवार वाले उनके रिश्ते को नहीं मानते. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में सामने आया है जहां एक परिवार ने अपनी बेटी के कथित नीची जाति के लड़के से शादी करने पर उसका सांकेतिक ‘अंतिम संस्कार’ किया.

परिवार ने अपनी जिंदा बेटी का ‘अंतिम संस्कार’ इसलिए किया क्योंकि बेटी ने उनकी मर्जी के खिलाफ कथित नीची जाति के लड़के के साथ शादी की थी. लड़की के ‘अंतिम संस्कार’ में परिवार के अलावा रिश्तेदार और गांव के लोग भी शामिल हुए. अंतिम संस्कार के बाद मृत्यु भोज भी दिया गया. मामला झाबुआ के बोरी गांव का है. लड़की का नाम कुसुम है.

कुसुम 27 अक्टूबर को लापता हो गई थी. इसके बाद परिवार ने पुलिस में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वहीं, पुलिस का कहना है कि कुसुम करीब दो हफ्ते पहले घर से कॉलेज जाने की बात कहकर गई थी और उसके बाद घर नहीं आई. इस संबंध में उसके कॉलेज के दोस्तों से पूछताछ की गई तो मालूम हुआ उसने अलीराजपुर जिले के रहने वाले नानू डांगी के साथ प्रेम विवाह कर लिया.

पुलिस को जब कुसुम की शादी के बार में पता चला तो वे उसे एसडीएम की कोर्ट में ले गई. कोर्ट में कुसुम ने अपनी शादी करने की बात कबूल की और कहा कि वह अपने प्रेमी नानू डांगी के साथ ही रहेगी. कुसुम ने कोर्ट में अपने बालिग होने के दस्तावेज भी दिए. इसके बाद एसडीएम ने कुसुम को नानू के साथ भेज दिया मगर कुसुम के परिवार ने उसके कथित नीची जाति के लड़के से शादी करने को स्वीकार नहीं किया. कुसुम और नानू के को कॉलेज में पढ़ने के दौरान एक-दूसरे से प्रेम हुआ था.

कुसुम की बहन शामू ने बताया कि हमारे चाचा ने परिवार से कहा कि कुसुम के अंतिम संस्कार की तैयारी करो क्योंकि वह हम लोगों के लिए मर चुकी है. उन्होंने कहा कि कुसुम को कॉलेज पढ़ने के लिए भेजा था इसलिए नहीं कि वह किसी नीची जाति के लड़के के साथ से शादी कर ले.

लड़की की शादी से गुस्साए परिवार ने अपने रिश्तेदारों और गांव में कुसुम के मरने की सूचना दी. उन्होंने एक चिता बनाई जिसपर कुसुम की तस्वीर रखी गई. इसके अलावा कुसुम की कपड़े, किताबें और बाकी सामान भी चिता में रखकर बांध दिया गया. घरवाले कुसुम की चिता पर रोए और फिर उसकी चिता को कंधे पर उठाकर गांव में घुमाया गया. इसके बाद उसकी चिता को श्मशान में ले जाकर आग के हवाले कर दिया गया.