पटना. लोकसभा चुनाव के विभिन्न चरणों के मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है. चुनाव के दौरान संभावित उम्मीदवारों को निर्वाचन आयोग के बनाए गए नियम-कायदों का पालन करना होता है लेकिन बिहार के पूर्णिया में एक संभावित प्रत्याशी इन कायदों को ताक पर रखकर नामांकन पर्चा भरने पहुंच गया. यहां तक कि उसे बिहार सरकार का मशहूर शराबबंदी कानून भी याद नहीं रहा. दरअसल, बिहार के पूर्णिया में लोकसभा चुनाव का एक संभावित उम्मीदवार शराब पीकर नामांकन पर्चा भरने पहुंच गया था.

इस प्रत्याशी को नामांकन के साथ-साथ चुनाव लड़ने की ‘खुशी’ भी रही होगी. शायद इसी वजह से उत्साह में आकर उसने ऐसा कदम उठाया. लेकिन प्रत्याशी को इस ‘उत्साह’ की भारी कीमत चुकानी पड़ गई. उम्मीदवार को शराब पीकर आने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया और उसके बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.

कहानी कुछ यूं है कि भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत नागरह गांव निवासी राजीव कुमार सिंह निर्दलीय पत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करने पूर्णिया समाहरणालय (कलेक्ट्रेट) सभागार पहुंचे थे. नामांकन प्रक्रिया पूरी करने के लिए बने राजीव जैसे ही हेल्पडेस्क के पास अपने प्रस्तावकों के साथ पहुंचे, वहां बैठे कर्मचारियों को उनके मुंह से शराब की बू आने लगी.

चुनाव कार्य में लगे कर्मचारी राजीव सिंह की इस हरकत से हैरान रह गए और उन्होंने फौरन इसकी जानकारी सदर अनुमंडल अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को दे दी. कर्मचारी अगर राजीव को रोक लेते तो शायद उनकी ‘जान’ बच भी सकती थी, लेकिन उन्होंने उम्मीदवार की ‘उम्मीद’ बनाए रखने दी और नामांकन के लिए रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में जाने दिया.

नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने राजीव सिंह को अपने कक्ष में बिठा कर रखा. यही नहीं, उन्होंने शराब पी रखी है या नहीं, इसकी जांच के लिए पुलिस को भी सूचना दे दी. इस बीच नामांकन करवाने पहुंचे उम्मीदवार के शराब पीये होने की सूचना निर्वाचन आयोग से नियुक्त चुनाव प्रेक्षक एम. शैलवेन्द्रन को भी दे दी गई, तो वे भी समाहरणालय पहुंच गए. प्रेक्षक के पहुंचने के बाद जब शाम पांच बजे सभी उम्मीदवारों के नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाने पर सिंह को जांच के लिए समाहरणालय सभाकक्ष ले जाया गया.

कलेक्ट्रेट सभागार से ले जाए जाने के बाद राजीव कुमार सिंह की बाकायदा जांच कराई गई. मशीन से जांच हुई तो उनके शरीर में 117.6 एमएल शराब होने की पुष्टि हो गई. अब जब इस संभावित प्रत्याशी के पीये होने की जानकारी सबको पता चल गई तो उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. आपको बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. इसके तहत न सिर्फ सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने को लेकर पाबंदी है, बल्कि पीकर टल्ली होने पर भी सजा मिलती है.