दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा फैसला लिया है। जिसे लेना आसान नहीं था लेकिन उन्होंने अपनी मजबूत इच्छा शक्ति का परिचय देते हुए अपनी कर्मभूमि गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर की दीवार को बुलडोजर से गिरवा दिया।

दरअसल गोरखपुर से नेपाल सीमा पर सटे सोनौली के लिए इन दिनो फोरलेन सड़क का निर्माण हो रहा है। इसके लिए गोरखनाथ मंदिर की दीवार आड़े आ रही थी। जब इसकी खबर योगी आदित्यनाथ को लगी तो उन्होंने इसे ढहाने के आदेश देकर मिसाल कायम कर दी है। उन्होंने अपने फैसले से ये संदेश भी देने का काम किया है कि विकास के लिए जरूरत पड़ने पर किसी भी धार्मिक स्थल की दीवार ढहाई जा सकती है।

गौरतलब है कि गोरखनाथ मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख मंदिरों में गिना जाता है। इस मंदिर से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। यह नाथपंथ का मुख्यालय भी है। जिससे योगी आदित्यनाथ जुड़े हैं। गोरखपुर फोरलेन के रास्ते में आने वाले किसी और को अपने मकान और दुकान के ध्वस्तीकरण पर किसी को आपत्ति न हो इसके लिए इसके लिए मुख्यमंत्री होने के बावजूद उन्होंने अपने मंदिर की दीवार को ढहाने का आदेश दे दिया। उनके इस कदम की सराहना पूरे गोरखपुर में हो रही है।