दिल्ली। कश्मीर का निजाम बदलते ही राज्य में बहुत कुछ बदलने लगा है। अब सरकारी खजाने की खुलेआम बंदरबांट नहीं हो पा रही है और बेइमान अधिकारियों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है।

अभी तक कश्मीर के विशेष स्टेटस की वजह से बच निकलने वाले जम्मू-कश्मीर के भ्रष्ट अधिकारियों पर अब कानून का शिकंजा कसने लगा है। पिछले तीन महीने में चार दर्जन से अधिक अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है और आधा दर्जन मामलों में सीबीआइ की जांच शुरू हो गई है। सरकार ने चालीस से ज्यादा बेइमान अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इतना ही नहीं सीबीआई ने अब इन बेइमान अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है। राजस्व विभाग के कई अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने अलग-अलग एफआइआर दर्ज की हैंं।

जम्मू-कश्मीर सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता तंत्र तैयार हो रहा है। इसके तहत पहली बार राज्य में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा का गठन किया गया है, जहां बड़े-बड़े अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच की जा रही है। इसके साथ ही जिला स्तर पर विजलेंस विभाग को मजबूत किया गया है। यहां पहली बार भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतों की जांच शुरू हुई है। सरकार की इस कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।