रमेश सिन्हा, पिथौरा। छत्तीसगढ़ में इस साल का धान खरीदी मामले में सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जाड़ामुड़ा धान खरीदी केंद्र में फर्जी तरीके से 2 करोड़ रुपए की धान खरीदी की गई है. मामले में समिति प्रबन्धक उमेश भोई को निलंबित करने के बाद एफआईआर दर्ज करने की तैयारी है. वहीं दो कम्प्यूटर ऑपरेटर मनोज प्रधान और मनीष प्रधान को पद मुक्त किया गया है. मामले में 18 किसानों को भी जेल जाना पड़ सकता है. इसे भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार 2 नहीं 4 महिलाओं को करेगी खड़ा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने किया खुलासा…
पिथौरा सोसायटी में बड़े ही शातिराना तरीके से खेतों का रकबा बढ़ाकर धान की खरीदी की गई. इस मामले में 18 किसानों को भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है. हालांकि, जांच अधिकारी किसानों को पर्याप्त समय दे रहे हैं, जिसके वजह से ये किसान फर्जी रेघा – अधिया का शपथ पत्र तैयार कर रहे हैं. फर्जी हस्ताक्षर से सहमति बनाई जा रही है. नोटरी और स्टाम्प पेपर की जांच के लिए भी शिकायत होगी. जांच के बाद कई अधिकारी भी रडार में आएंगे.
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