रायपुर. पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने ‘पेसा (Panchayatiraj Extension in Scheduled Areas)’ कानून को लागू करने इसके प्रस्तावित नियमों के प्रारूप पर प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों के सांसदों और विधायकों से रायशुमारी की और उनसे सुझाव मांगे हैं. उन्होंने सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में आज हुई बैठक में कहा कि पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ‘पेसा’ कानून को अमलीजामा पहनाने नियम बनाने के लिए पिछले डेढ़ वर्ष से आदिवासी विकासखंडों के लोगों, आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों, निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, जनजातियों के कल्याण, पंचायतीराज सशक्तिकरण और वनाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों से लगातार चर्चा कर सुझाव प्राप्त कर रही है. इन सबसे मिले सुझावों के आधार पर नियमों का प्रारूप तैयार किया गया है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, सांसद ज्योत्सना महंत और विधायकगण लखेश्वर बघेल, देवेन्द्र बहादुर सिंह और डॉ. प्रीतम राम ने बैठक में ‘पेसा’ नियमों के प्रारूप पर अपने सुझाव रखे.

पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री सिंहदेव ने बैठक में बताया कि इन प्रस्तावित नियमों का मसौदा संबंधित अन्य विभागों जैसे राजस्व, वन, आदिवासी विकास, श्रम, गृह तथा आवास और पर्यावरण विकास को भी आवश्यक कार्यवाही और सुझावों के लिए भेजा गया है. सांसदों और विधायकों से आज प्राप्त सुझावों को भी इसमें शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो विधायक और सांसद आज की बैठक में किन्हीं कारणवश नहीं पहुंच पाए हैं, वे लिखित में अपने सुझाव विभाग को भेज सकते हैं. मंत्री सिंहदेव ने कहा कि ‘पेसा’ अनुसूचित क्षेत्र के लोगों के लिए संवेदनशील विषय रहा है. इसके लिए नियम बनाते समय गैर-आदिवासी समाज की शंका और संशय का भी निवारण किया जाना ह. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नियमों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा के बाद इसे कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा. पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्लै, सचिव प्रसन्ना आर. और आयुक्त अविनाश चंपावत भी बैठक में मौजूद थे.