प्रदीप ठाकुर, देवास। बीती रात उज्जैन की लोकायुक्त पुलिस ने देवास में एक एएसआई (ASI) को 5000 ₹ की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त पुलिस ने ASI से उस चालान डायरी को भी जब्त किया है जिसे पेश करने के एवज में रिश्वत ली थी। खास बात यह भी है कि लोकायुक्त पुलिस ने सिविल लाइन थाने के ठीक सामने चाय बेचने वाले को भी बनाया आरोपी बनाया है।

बीती रात देवास की माता टेकरी के धूनी गेट के निकट उज्जैन की लोकायुक्त पुलिस ने एक ASI को 5000 ₹ की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ धरदबोचा। इसके बाद आरोपी ASI को लोकायुक्त पुलिस सिविल लाइन पुलिस थाने लेकर पहुंची। जहां से जुड़ा यह पूरा मामला था। और फिर लोकायुक्त पुलिस ने यहां पूरी कागजी कार्यवाही को अंजाम दिया।
बता दें कि उज्जैन लोकायुक्त SP को फरियादी अनिल फुलेरिया ने एक शिकायत की थी कि मेरे खिलाफ देवास के सिविल लाइन थाने में दर्ज हुए एक केस का चालान पेश करने की एवज में थाने के ASI प्रकाश राजोरिया द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है।

लोकायुक्त पुलिस उज्जैन और ट्रेप कार्यवाही के फरियादी अनिल का कहना था कि मई माह में अनिल की बहन की गुमशुदगी सिविल लाइन पुलिस थाने में दर्ज हुई थी। उसकी बहन मिल भी गई। जिसकी विवेचना ASI प्रकाश राजोरिया द्वारा की गई थी। मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा था। इसके बाद अनिल फुलेरिया के खिलाफ गुमशुदगी से जुड़े मामले में वाद-विवाद के चलते सिविल लाइन पुलिस थाने में 1 सितंबर को धारा 452, 323, 504, 506, 34 IPC में प्रकरण दर्ज किया गया। इस मामले की विवेचना भी ASI प्रकाश राजोरिया के पास थी और इसी केस का चालान काटने की एवज में रिश्वत की मांग की जा रही थी। लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक केस डायरी/चालान की मूल प्रति ट्रैप की कार्रवाई के दौरान ASI के पास से मिली है।

खास बात यह है कि रिश्वत लेने वाले ASI को SP ने लापरवाही बरतने के एक मामले में 12 सितंबर को ही सस्पेंड कर दिया था। तो फिर चालान डायरी 28 सितंबर तक उसके पास कैसे रही ? यह एक बड़ी लापरवाही को उजागर कर रहा है। वहीं लोकायुक्त पुलिस ने ट्रेप मामले में सिविल लाइन थाने के ठीक सामने स्थित चाय बेचने वाले को भी आरोपी बनाया है क्योंकि लेनदेन की बातचीत में उसकी भी रिकॉर्डिंग है।

एक निलंबित ASI का रिश्वत मांगना और उसके पास से थाने के दस्तावेज मिलना इसके साथ ही थाने के ठीक सामने स्थित चाय वाले को भी लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपी बनाए जाने के इस मामले ने पुलिसिया कार्यवाही पर सवालियां निशान खड़े कर दिए है।

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