कुमार इंदर, जबलपुर। जबलपुर विकास प्राधिकरण (Jabalpur Development Authority) में प्रशासक व तेंदूखेड़ा एसडीएम रहे राजेंद्र राय समेत दो लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू (EOW) ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की है। दोनों पर धोखाधड़ी, अमानत में खयानत करने और आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप है।
मामला 2016 का है। अपर कलेक्टर राजेंद्र राय (रिटायर्ड) नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा के एसडीएम थे। उन्होंने जबलपुर राइट टाउन के प्रशांत पाठक से मिलीभगत कर तेंदूखेड़ा की सड़क किनारे 7.30 एकड़ जमीन प्रशांत की मां पुष्पा पाठक के नाम दर्ज की थी। बाद में जमीन प्रशांत के नाम हो गई। इसका खुलासा नेशनल हाइवे के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान हुआ। दरअसल जमीन का कुछ हिस्से का राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहण किया गया था। जमीन अधिग्रहण के बदले फर्जी भूस्वामी प्रशांत पाठक ने प्राधिकरण से मिली दो करोड़ 12 हजार 500 रुपये की मुआवजा राशि हड़प ली थी।
शिकायत होने पर नरसिंहपुर के तत्कालीन कलेक्टर ने मामले की जांच के निर्देश दिए थे। तेंदूखेड़ा एसडीएम द्वारा की गई जांच में पाया गया कि अधिग्रहित जमीन की मूल भूस्वामी मिथिलेश गुप्ता की थीं। परंतु प्रशांत पाठक ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर तत्कालीन तेंदूखेड़ा एसडीएम राजेंद्र राय के साथ मिलीभगत कर सर्वप्रथम उस भूमि पर बतौर भूस्वामी अपना नाम दर्ज कराया फिर उस जमीन पर संपूर्ण मुआवजा राशि प्राप्त कर ली।करोड़ों की धोखाधड़ी के प्रमाण मिलने पर एसडीएम रहे राजेंद्र राय, प्रशांत पाठक के खिलाफ धारा 406, 409, 420, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है।
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