मनोज यादव, कोरबा। भारत निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ की सरकारी मशीनरी को विधानसभा चुनाव संपन्न करने के लिए आवश्यक जिम्मेदारियां दी है. बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी निर्वाचन कार्य में लगाई गई है. देखने को मिल रहा है कि प्रशिक्षण से लेकर अन्य संबंधित कामकाज में कर्मचारी लापरवाही दिखा रहे हैं. जिला प्रशासन कोरबा ने ऐसे मामलों को लेकर डेढ़ हजार कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया है.
वर्ष 2018 में चुनी गई सरकार का 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के साथ विधानसभा का चुनाव कराया जा रहा है. भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके अंतर्गत अलग-अलग स्तर पर प्रशिक्षण से लेकर दूसरी गतिविधियों पर काम किया जा रहा है. प्रशासन के सभी विभागों के अधिकारी और कर्मियों की ड्यूटी इन कार्यों में लगाई गई है और उन्हें पूरी ईमानदारी के साथ काम करने के लिए कहा गया है. फिर भी अनेक मौके पर अलग-अलग कारण बताकर कर्मचारी काम करने से पीछा छुड़ा रहे हैं. ऐसी लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर एक्शन लिया जा रहा है. उप जिला निर्वाचन अधिकारी सीमा पात्रे ने बताया कि इस तरह के मामलों में प्रशासन ने डेढ़ हजार कर्मचारियों को नोटिस दिया है.
उप जिला निर्वाचन अधिकारी सीमा पात्रे ने बताया चुनाव संबंधित जिस कार्य पर कर्मचारियों की तैनाती की गई है. अगर वह ड्यूटी पर लापरवाही बरतते हैं तो उनपर कार्रवाई की जा रही है और आगे भी की जाएगी. लापरवाहों को नोटिस जारी किया गया है. जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष उन्हें जवाब देना होगा. अगर जवाब संतुष्ट जनक नहीं रहा तो उनके ऊपर गाज गिर सकती है.
जिला प्रशासन ने साफ तौर पर कहां है कि निर्वाचन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कार्य है और जिन कर्मचारियों की ड्यूटी इसमें लगाई गई है उन्हें बिना किसी बहानेबाजी के काम करना होगा. निर्वाचन के बाद मतगणना के काम में जिनकी सेवाएं ली जाएगी वह इनसे अलग होंगे.
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