Patna Illegal Coaching: पटना जिला प्रशासन ने बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे 138 कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है. इन संस्थानों ने लाइसेंस के लिए आवेदन तो किया था, लेकिन निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर पाने के कारण उनके आवेदन को स्वीकार नहीं किया गाय था.
दरअसल बीते मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मामले पर चर्चा की गई और अनुमंडल पदाधिकारियों को इन संस्थानों की जांच करने का निर्देश दिया गया है. जांच में यह पता लगाया जाएगा कि क्या ये संस्थान अभी भी अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं।. यदि हां, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.
लाइसेंस के लिए मिले थे 936 आवेदन
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि, कोचिंग संस्थानों के लाइसेंस के लिए कुल 936 आवेदन प्राप्त हुए थे. इनमें से 413 आवेदनों को मंजूरी दे दी गई है, जबकि 138 आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए हैं. शेष 385 आवेदनों की जांच अभी भी जारी है. बता दें कि पटना जिला प्रशासन ने पहले भी लगभग 600 कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा मानकों के अनुपालन के लिए जांच कराई थी. वहीं, जिलाधिकारी के इस बैठक के बाद ऐसा माना जा रहा है कि इन अवैध कोचिंग संस्थानों पर किसी भी वक्त प्रशासन का डंडा चल सकता है.
247 कोचिंग संस्थान अयोग्य- शिक्षा पदाधिकारी
बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने समिति को बताया है कि, 523 आवेदनों में से शेष 385 आवेदनों की जांच कराई जा रही है. जिसमें 350 का जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है. शेष 35 आवेदनों की जांच चल रही है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया गया कि जांच प्रतिवेदन प्राप्त 350 आवेदनों में 247 कोचिंग संस्थान संचालित नहीं होने के कारण निबंधन हेतु अयोग्य पाया गया है और उस बंद पड़े कोचिंग संस्थान को नोटिस देने का निर्देश दिया गया है. शेष 103 कोचिंग संस्थान में से 97 कोचिंग संस्थान के प्राप्त जांच प्रतिवेदनों पर समिति के जरिए विमर्श किया गया, जिसमें इन सभी 97 कोचिंग संस्थानों के निबंधन प्रमाण-पत्र निर्गत किया जाएगा.
सुरक्षा मानकों से कोई समझौता नहीं- डीएम, पटना
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने मामले को लेकर कहा कि, जिला प्रशासन, पटना द्वारा पूर्व में 7 टीम का गठन कर लगभग 600 से अधिक कोचिंग संस्थानों में सुरक्षात्मक मानकों के अनुपालन की जांच कराई गई थी. इसमें मुख्य रूप से कोचिंग संस्था की आधारभूत संरचना के अधीन वर्ग कक्ष का न्यूनतम क्षेत्र प्रति छात्र न्यूनतम एक वर्ग मीटर, वर्ग कक्ष में प्रवेश एवं निकास अवरोधमुक्त होना चाहिए. बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए. अग्नि सुरक्षा के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए. इन बिंदुओं पर जांच में ध्यान दिया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि, सुरक्षात्मक मानकों से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- Bihar News: घर का दरवाजा बंदकर 3 महिलाओं समेत 4 लोगों पर फेंका तेजाब, एक की हालत नाजुक
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें