अंबिकापुर. सरगुजा जिले के ग्राम साल्ही में स्थित अदाणी कौशल विकास केंद्र द्वारा छत्तीसगढ़ ही नहीं पड़ोसी राज्यों के युवाओं के कौशल को निखारने का काम भी कर रहा है. सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के ग्राम साल्ही में स्थित राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) के सहयोग से अदाणी फाउंडेशन द्वारा स्थापित अदाणी कौशल विकास केंद्र में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, झारखंड और उड़ीसा के भी नौजवान युवकों को निःशुल्क तकनीकी शिक्षा दी जा रही है.

मध्यप्रदेश के 15, झारखण्ड के 8 मेघावी युवकों सहित कुल 23 युवकों को इलेक्ट्रीशियन और माइनिंग ट्रेड के लिए 3 महीने के प्रशिक्षण के लिए सरगुजा के ग्राम साल्ही में स्थित अदाणी कौशल विकास केंद्र में भेजा गया है. जहां इन विद्यार्थीयों को विभिन्न साइटों में बिजली और माइनिंग के काम करने के दौरान जरूरी सुरक्षा के उपायों और प्रबंधन, बिजली के उपकरणों का चयन और सुरक्षित उपयोग, घरों में बिजली की वायरिंग, पर्सनालिटी डेवलपमेंट, इत्यादि के प्रशिक्षण भी दिए जायेंगे. सभी विद्यार्थियों को सफल प्रशिक्षण के बाद और परीक्षा पास करने पर प्रमाण पत्र भी दिया जाता है. वहीं उड़ीसा से भी कई नव युवक और युवती विद्यार्थियों द्वारा सुरगुजा के अदाणी कौशल विकास केंद्र में तालीम ले चुके हैं और आज अपने पैरों पर खड़े हैं.

गौरतलब है कि, निःशुल्क प्रशिक्षण के साथ-साथ चयन किए हुए छात्र और छात्राओं को के लिए हॉस्टल मे रहने और खाने की व्यवस्था की जाती है. प्रशिक्षण के बाद सफल हुए छात्र और छात्राओं को नौकरी दिलाने के लिए तैयार कर कम्पनियों के साथ जोड़ा जाता है.अगर वह चाहे तो अदाणी कौशल विकास केंद्र के प्रमाणपत्र के साथ अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं या फिर कहीं भी अपने आप नौकरी के लिए प्रयास कर सकते हैं.

उल्लेखनीय है कि अदाणी फाउंडेशन के द्वारा आसपास के ग्रामों के शिक्षित युवाओ के कौशल विकास के लिए आवासीय सुविधा वाला अत्याधुनिक अदाणी कौशल विकास केंद्र की स्थापना 2 फरवरी 2017 को ग्राम साल्ही में किया गया था. स्थानिक युवाओं की आवश्यकता और कौशल के अनुसार कुल 35 पाठ्यक्रमों, जिसमें प्रमुख रुप से सहायक इलेक्ट्रीशियन, माइनिंग मैकेनिक, सिलाई मशीन ऑपरेटर, एफ एंड बी सर्विस स्टीवर्ड, और फिटर मशीनिस्ट में 28 से 60 दिनों की अवधि तक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. अदाणी कौशल विकास केंद्र- साल्ही (सरगुजा), पाठ्यक्रम के चयन के आधार पर जिसमें 4 थ्योरी क्लास रूम और 5 लैब, 30 कंप्यूटरों की 1 आईटी लैब, 25 टैबलेट और लाइब्रेरी भी है. प्रयोगशालाओं को उच्च प्रशिक्षण उपकरणों और सौर संयंत्र से भी सुसज्जित रखा गया है.

बता दें कि, वर्ष 2017 से 2020 तक लगभग 3000 प्रशिक्षुओं को साल्ही केंद्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया जा चुका है. इसी केंद्र में पड़ोसी राज्य उड़ीसा से 28 युवाओं का समूह तीन वर्ष पूर्व माइनिंग टेक्निक्स के ट्रेड में प्रशिक्षण लेकर गया था और आज वे सभी आत्मनिर्भर बन चुके हैं. अदाणी का ग्राम साल्ही का कौशल विकास केंद्र प्रदेश के आदिवासी युवाओं के कौशल को निखारकर कुशल और आत्मनिर्भर बनाते हुए आधुनिक तकनीकों से रूबरू कराकर स्वरोजगार के नए अवसर भी दिला रहा है.