रायपुर. अदाणी फाउंडेशन रायखेड़ा द्वारा क्षेत्र के 6 पंचायतों के 60 से अधिक कृषि एवं पशुपालक किसानों को व्यावसायिक प्रशिक्षण हेतु शैक्षणिक भ्रमण कराया. कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर और शारदा डेयरी खरोरा में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के किसानों को उन्नत एवं व्यावसायिक खेती हेतु प्रेरित करना था. शारदा डेयरी एवं फूड प्रोडक्ट लिमिटेड खरोरा में आयोजित किसान मित्र और पशुपालन बैठक का उद्देश्य पशु मालिकों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़कर उनको आत्मनिर्भर बनाना है.

कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम में रायपुर एनर्जन लिमिटेड रायखेड़ा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत रायखेड़ा, चिचोली, गैतरा, बरतोरी, ताराशिव और खमरिया के किसानों ने भाग लिया. इस दौरान उन्हें हॉर्टिकल्चर, मत्स्य पालन, चावल की फूड प्रोसेसिंग व पैकेजिंग तथा विभिन्न अचार, अलसी, जैम आदि कृषि उत्पादों की जानकारी दी गई. साथ ही अदरक, हल्दी, आलू जैसे भूमिगत बागवानी उत्पाद की खेती को अपनाने पर जोर दिया गया.

जिससे पारंपरिक खेती की तुलना में वे खेत के छोटे-छोटे हिस्सों में बागवानी की खेती शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हो और बेहतर कमाई भी हो सके. वहीं पशुपालकों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ने के उद्देश्य से पशुओं से होने वाले विभिन्न लाभों, उपयोगी नस्लों और चारा प्रबंधन, गर्भवती गायों की देखभाल, और बछड़ों में होने वाले रोगों का निवारण जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई.

कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र का भ्रमण और संबंधित विषयों की जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसएस चंद्रवंशी के निर्देशानुसार, कृषि विशेषज्ञ डॉ. रेखा सिंह, डॉ. चंद्रमणि साहू एवं उमंग कुमार देवांगन के सहयोग से दी गई. वहीं पशुपालकों को स्टेट बैंक द्वारा लोन प्राप्त करने और अनुसूचित जाति को अनुदान प्राप्त करने के बारे में भी बताया गया. इस दौरान सफल पशु मालिकों ने अपने अनुभव भी साझा किए. कार्यक्रम में पशुपालन विभाग से डॉ. विक्रम पाठक मुख्य रूप से उपस्थित रहे.

कार्यक्रम को सफल बनाने में स्थानीय किसानों एवं फाउंडेशन के कर्मचारियों व अधिकारियों की विशेष भूमिका रही. किसानों ने कार्यक्रम खूब सराहा है.

इस शैक्षणिक सत्र को लेकर सीएसआर प्रमुख दीपक कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान सत्र 2021-22 के दौरान इन किसानों ने अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से धान की बोनी एसआरआई (श्री) विधि से करके, उत्पादन में वृद्धि दर्ज की है. आगे केवल धान की खेती न कर, सब्जी बाड़ी, दलहन, तिलहन, कंद व फल वाले पौधे एवं अन्य व्यवसायिक कृषि के माध्यम से किसानों की आय के स्रोत को बढ़ाना है. कार्यक्रम में अदाणी फाउंडेशन से प्रोजेक्ट ऑफिसर खिलेश्वर माहमल्ला एवं दाऊलाल कोसले उपस्थित थे.

18 राज्यों में सक्रिय है अदाणी फाउंडेशन

1996 में स्थापित, अदाणी फाउंडेशन वर्तमान में 18 राज्यों में सक्रिय है, जिसमें देश भर के 2250 गांव और कस्बे शामिल हैं. फाउंडेशन के पास प्रोफेशनल लोगों की टीम है, जो नवाचार, जन भागीदारी और सहयोग की भावना के साथ काम करती है. वार्षिक रूप से 3.2 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित करते हुए अदाणी फाउंडेशन 4 प्रमुख क्षेत्रों- शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, सतत आजीविका विकास और बुनियादी ढाचे के विकास, पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सामाजिक पूंजी बनाने की दिशा में काम करता है. अदाणी फाउंडेशन ग्रामीण और शहरी समुदायों के समावेशी विकास और टिकाऊ प्रगति के लिए कार्य करता है.