दिल्ली. केंद्र सरकार ने गुजरात स्थित अडानी समूह को अगले 50 सालों के लिए देश के पांच प्रमुख हवाई अड्डों की देखरेख का जिम्मा दे दिया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम, लखनऊ, मेंगलूरू और जयपुर हवाई अड्डों के परिचालन के लिए अडानी समूह ने सबसे ऊंची बोली लगायी है। गुवाहाटी हवाई अड्डे के लिए भेजी गई बोलियां मंगलवार को खोली जाएंगी। प्राधिकरण ने विजेता का चुनाव ‘प्रति यात्री शुल्क’ के आधार पर किया है।
अधिकारी ने बताया कि अडानी समूह ने जो बोलियां लगायी वह अन्य बोली लगाने वालों की तुलना में अपेक्षाकृत काफी ज्यादा थीं। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यह पांचों हवाई अड्डे अडानी समूह को सौंप दिए जाएंगे।
अभी इन हवाईअड्डों का प्रबंधन प्राधिकरण देखता है। इन छह हवाई अड्डों के परिचालन के लिए 10 कंपनियों ने तकनीकी तौर पर कुल 32 बोलियां लगायीं। पिछले साल नवंबर में सरकार ने इन हवाई अड्डों को लोक-निजी भागीदारी के आधार पर चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
अहमदाबाद और जयपुर हवाई अड्डे के लिए सात-सात, लखनऊ और गुवाहाटी के लिए छह-छह एवं मेंगलुरू और तिरुवनंतपुरम के लिए तीन-तीन बोलियां प्राप्त हुईं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली और हैदराबाद एयरपोर्ट का संचालन करने वाले जीएमआर ने अहमदाबाद एयरपोर्ट के लिए 85 रुपये प्रति पैसेंजर की बोली लगाई थी, लेकिन अडानी ने 177 रुपये प्रति यात्री यानी दोगुनी बोली लगाकर ठेका हासिल कर लिया। लखनऊ एयरपोर्ट के लिए एएमपी कैपिटल ने 139 रुपये जबकि अडानी समूह ने 171 रुपये की बोली लगाई थी।
इस क्षेत्र में अडानी समूह के उतरने के बाद बड़ी स्पर्धा की उम्मीद की जा रही है। अभी तक यहां जीएमआर और जीवीके जैसी दिग्गज कंपनियों का एकाधिकार है। अडानी समूह के मैदान में उतर जाने से यह टूटेगा। एयरपोर्ट सेक्टर में सरकार ने नई कंपनी को अनुमति देने का बड़ा फैसला किया है। ऐसी भी खबरें हैं कि अडानी ग्रुप मुंबई एयरपोर्ट में जीवीके की हिस्सेदारी खरीदने के लिए उसके साथ बातचीत कर रही है।