दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा पेश नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन में अपना नाम उछलने पर अडानी समूह ने अपनी सफाई दी है।
अडानी समूह ने साफ किया है कि वह किसानों से ना तो अनाज खरीदते हैं और ना ही अनाज की कीमत तय करते हैं। समूह ने कहा कि हम केवल भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई के लिए अनाज भंडारण कक्ष तैयार करते हैं और उसका संचालन करते हैं। अडानी समूह ने कंपनी के ट्विटर हैंडल पर एक बयान जारी कर कहा कि, अडानी समूह की भंडारण क्षमता निर्धारित करने में और अनाज का दाम तय करने में कोई भूमिका नहीं है। कंपनी एफसीआई के लिए केवल एर सेवा और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदाता है।
गौरतलब है कि सरकारी स्वामित्व वाला एफसीआई किसानों से अनाज खरीदता है और सार्वजनिक व निजी भागीदारी के माध्यम से बने भंडारण कक्षों में उन्हें स्टोर करता है। वह निजी भागीदारों को खाद्यान्न भंडारण कक्ष बनाने के लिए और अनाज स्टोर करने के लिए शुल्क का भुगतान करता है। दरअसल, दिल्ली मे आंदोलन कर रहे किसानों ने आरोप लगाया कि नए कृषि कानून अंबानी और अडानी के फायदे के लिए लाए गए हैं।