Adani Group Shell Company. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से संकट में चल रहे अडानी ग्रुप को आज मॉरीशस से बड़ी राहत मिली है. मॉरीशस के वित्तीय सेवा मंत्री महेन कुमार सेरुट्टुन ने अपने देश की संसद को बताया है कि मॉरीशस में उनकी ‘शेल’ कंपनियों की उपस्थिति के बारे में हिंडनबर्ग रिसर्च के अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोप ‘झूठे और निराधार’ है. मंत्री महेन ने बताया कि मॉरीशस ओईसीडी-अनिवार्य कर नियमों का अनुपालन कर रहा है.

24 जनवरी को हिंडनबर्ग द्वारा जारी एक रिपोर्ट में, फर्म ने आरोप लगाया कि अरबपति गौतम अडानी ने अपनी भारतीय-सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर की कीमतों में हेरफेर करने के लिए मॉरीशस स्थित शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया. एक शेल कंपनी एक निष्क्रिय फर्म है जिसका उपयोग विभिन्न वित्तीय पैंतरेबाजी के लिए एक वाहन के रूप में किया जाता है.

मॉरीशस का कानून शेल कंपनियों को इजाजत नहीं देता- महेन

संसद में एक सांसद द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में वित्तीय सेवा मंत्री महेन कुमार सेरुट्टुन ने यह जानकारी दी. सांसद ने लिखित में पूछा था कि अडानी समूह के लिए मनी लॉन्ड्रिंग और शेयर की कीमतों में हेरफेर के लिए मॉरीशस स्थित संस्थाओं के लिए एक वाहक के रूप में हिंडनबर्ग के आरोप के बारे में क्या कहना है. इस पर मंत्री ने कहा कि देश का कानून शेल कंपनियों को अनुमति नहीं देता है. उन्होंने कहा कि अभी तक देश में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं पाया गया है.

मामला सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले यह बयान आया

सुप्रीम कोर्ट में हिंडनबर्ग-अडानी मामला आने से ठीक पहले मॉरीशस के वित्त मंत्री का यह बयान आया है. न्यायालय ने नियामक मुद्दों को देखने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की. अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए समयसीमा छह महीने बढ़ाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी की याचिका पर अदालत विचार कर सकती है.

सेबी भी जांच कर रहा है

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) अदानी समूह और मॉरीशस की दो फर्मों – ग्रेट इंटरनेशनल टस्कर फंड और आयुष्मान लिमिटेड के बीच संबंधों का आकलन कर रहा है, जिसने अदानी समूह की प्रमुख कंपनी की हाल ही में रद्द की गई शेयर बिक्री को सहारा दिया. निवेशकों के रूप में भाग लिया.