Adani-Hindenburg Case: हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) आने के बाद अडानी समूह (Adani Group) के शेयरों में भारी गिरावट की जांच करने और छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सेबी के मौजूदा नियामक तंत्र की समीक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है.

Supreme Court के इस आदेश पर अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) की प्रतिक्रिया आई है. गौतम अडानी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि सच्चाई की जीत होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एएम सप्रे की अगुवाई में एक कमेटी गठित की है. आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के सीईओ केवी कामथ और इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि समिति के सदस्य होंगे. इनके अलावा एसबीआई के पूर्व चेयरमैन ओपी भट्ट, जस्टिस जेपी देवधर और सोमशेखर संदर्शन समिति के अन्य सदस्य हैं. इस कमेटी को दो महीने के भीतर सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है. कमेटी बनाने का Supreme Court का आदेश आने के कुछ ही देर बाद गौतम अडानी ने ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अडाणी समूह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करता है. यह समयबद्ध तरीके से मामले को चरम पर ले जाएगा. सत्य की जीत होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के गठन के साथ ही सेबी को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने को कहा है. कोर्ट ने सेबी से जांच करने को कहा कि कहीं सेबी के नियम धारा 19 का उल्लंघन तो नहीं हुआ है. क्या अडानी ग्रुप के शेयर भाव में कोई छेड़छाड़ हुई है?

सर्वोच्च न्यायालय ने सेबी से कहा कि वह कोर्ट द्वारा गठित कमेटी को हर तरह की जानकारी मुहैया कराए। और दो माह के भीतर जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में न्यायालय को प्रस्तुत करें.

सुप्रीम कोर्ट ने समिति से नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए अपने सुझाव देने को कहा है. इसके साथ ही अडानी मामले की जांच करें और बताएं कि कैसे नियमों को और सख्त बनाया जा सकता है.

17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में सरकार द्वारा सुझाए गए पैनल के सदस्यों के नामों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में पूरी पारदर्शिता चाहती है.

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