नई दिल्ली। अदानी पावर की सहायक कंपनी अदानी पावर झारखंड लिमिटेड (एपीजेएल) ने 7 नवंबर तक करीब 850 मिलियन डॉलर (करीब 7,200 करोड़ रुपए) का बकाया भुगतान नहीं किए जाने पर बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति बंद करने की चेतावनी दी है. पहले ही राशि का भुगतान नहीं करने पर अदानी पावर ने बिजली की आपूर्ति आधी कर दी है.

स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, एपीजेएल ने बकाया बिलों के कारण अपनी बिजली आपूर्ति पहले ही आधी कर दी है, जिसकी राशि 846 मिलियन डॉलर है. पावर ग्रिड बांग्लादेश पीएलसी के हालिया आंकड़ों से पता चला है कि अदानी प्लांट ने गुरुवार रात को उत्पादन में काफी कमी की, जिससे बांग्लादेश में 1,600 मेगावाट (मेगावाट) से अधिक बिजली की कमी हो गई. बांग्लादेश के स्थानीय अखबार डेली स्टार के अनुसार, 1,496 मेगावाट की कुल क्षमता वाले इस प्लांट ने इस अवधि के दौरान एक चालू इकाई से केवल 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया.

बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (पीडीबी) को लिखे एक पुराने पत्र में, अदानी पावर ने 30 अक्टूबर तक बकाया राशि का भुगतान करने का अनुरोध किया था. 27 अक्टूबर को लिखे गए पत्र में चेतावनी दी गई थी कि भुगतान न करने पर बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के अनुसार बिजली आपूर्ति निलंबित कर दी जाएगी. पीडीबी को अभी तक बांग्लादेश कृषि बैंक से 170.03 मिलियन डॉलर का ऋण पत्र (एलसी) प्राप्त करना है, या शेष बकाया राशि का समाधान करना है.

हालांकि, पीडीबी लगभग 18 मिलियन डॉलर का साप्ताहिक भुगतान कर रहा है, लेकिन अब शुल्क 22 मिलियन डॉलर से अधिक हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप बकाया राशि जमा हो रही है. कृषि बैंक को हाल ही में पीडीबी द्वारा किया गया भुगतान डॉलर की कमी के कारण कथित तौर पर रुका हुआ था, जिससे आवश्यक एलसी जारी नहीं हो पाया.

अदानी पावर ने स्पष्ट किया है कि किसी भी आपूर्ति निलंबन के तहत, यह पीपीए की धारा 13.2(1) के अनुसार क्षमता भुगतान का दावा करने का अधिकार सुरक्षित रखता है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के जाने के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार की स्थापना के बाद अदानी ने बकाया राशि के निपटान के लिए दबाव बढ़ा दिया है. नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार की स्थापना 8 अगस्त को हुई थी, और अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने इस मुद्दे पर मुख्य सलाहकार यूनुस को सीधे संबोधित किया है.