इंडिया में जैसे जैसे कारों के नए मॉडल लॉन्च होते जा रहे हैं वैसे ही कारों में नए फीचर्स भी जोड़े जा रहे हैं. नए फीचर्स के कारण कारें अब पहले से ज्यादा स्मार्ट हो रही हैं. ऐसे ही कुछ सेफ्टी फीचर्स के कारण रोड पर सुरक्षित ड्राइविंग करने में मदद मिल रही है. इन फीचर्स में से एक बेहतरीन सेफ्टी फीचर है ADAS. एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंट सिस्टम जिसे शॉर्ट में ADAS भी कहा जाता है. इससे किस तरह सुरक्षित ड्राइविंग में मदद मिलती है, इस खबर में हम आपको बता रहे हैं.
क्या है एडीएएस?
एडीएएस एक ऐसा सिस्टम जो अलग-अलग लेवल के मुताबिक, ड्राइवर को ड्राइविंग के दौरान मदद करता है. यानि अगर ड्राइवर किसी चीज पर ध्यान नहीं दे पाया, तो कार में मौजूद ये सिस्टम अपनी क्षमता के मुताबिक किसी खतरे को भांपकर ड्राइवर को अलर्ट करने का काम करता है. जिससे किसी तरह की दुर्घटना होने की संभावना कम हो जाती है.
ADAS के क्या हैं फायदे
मान लीजिये कि आप एक ऐसी कार में हैं जिसमें ये फीचर है और ड्राइव करते समय अगर किसी कारण से आपका ध्यान भटक गया. ध्यान भटकने के कारण अगर आपकी कार दूसरी लेन में जाती है या फिर आपकी कार के सामने कोई दूसरी कार, व्यक्ति आ जाता है तो ऐसी कंडीशन में ये फीचर आपको अलर्ट कर हादसे से बचाने में मददगार साबित होगा. इसके एक्टिव रहने पर दुर्घटना होने के चांस कम हो जाएंगे.
कैसे काम करती है ADAS सिस्टम
जैसा कि हमने उपर आपको बताया कि, ये एक सेंसर और कैमरा बेस्ड तकनीक है. कैमरा-आधारित सेंसर का उपयोग करके ये सिस्टम ड्राइवर और वाहन को ड्राइविंग स्थिति के बारे में अवगत कराने में मदद करता है. सड़क, सड़क के संकेत, पैदल यात्री, सड़क पर वाहनों की स्थिति और अन्य बैरियर्स को सही ढंग से कैप्चर करने के लिए कई अलग-अलग कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है. जो कि वाहन के आप-पास की स्थिति को सेंसर की मदद से कैप्चर कर सिस्टम में दिए गए सॉफ्टवेयर तक भेजते हैं.
कैमरों द्वारा कैप्चर की गई इमेज यानी कि तस्वीरों का सॉफ्टवेयर द्वारा विश्लेषण किया जाता है और इसी के आधार पर सेफ्टी फीचर्स एक्टिव होते हैं. यह सिस्टम किसी भी तरह की आपात स्थिति में ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग भी अप्लाई कर सकता है, या फिर यदि वाहन अपने लेन से बाहर जा रहा हो या ब्लाइंड स्पॉट पर कोई वाहन मौजूद हो तो इस स्थिति में ये तकनीक वाहन को नियंत्रित करता है. कुल मिलाकर ये तकनीक वाहन में एक सहयोगी चालक के तौर पर काम करता है. लेकिन इस सिस्टम पर पूरी तरह से निर्भर हो जाना ये कत्तई उचित नहीं है.
जानकारों का मानना है कि, जिस लेवल का ADAS तकनीक आपके वाहन में दी गई है उस आधार पर ही आपको ड्राइविंग करनी चाहिए. आखिरकार, ये एक मशीन है और ये पूरी तरह से सेंसर और कैमरा पर बेस्ड होकर काम करता है. इसलिए इसका उपयोग केवल ड्राइविंग इंम्प्रूव करने के लिए ही करें न कि बिना स्टीयरिंग व्हील पकड़े सड़क पर गाड़ी दौड़ाएं.
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