हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में भूमाफियाओं से प्रशासन भी परेशान है। भूमाफिया चंपू, चिराग और हैप्पी के खिलाफ हाईकोर्ट में चल रही याचिका में आज अपर कलेक्टर अभय बेडेकर कोर्ट में उपस्थित हुए। इस दौरान उन्होंने भूमाफियाओं पर सहयोग नहीं करने और धमकियां देने के आरोप लगाए। अपर कलेक्टर ने कहा कि भूमाफिया बार-बार नोटिस देने के बाद भी नहीं आ रहे हैं। साथ ही धमकी दे रहे हैं कि कोर्ट में आपके कपड़े उतरवा देंगे। नौकरी चली जाएगी। इन पर सख्ती जरूरी है। वहीं कोर्ट ने सुनवाई के बाद प्रशासन से कहा कि वह 15 मार्च तक सभी रिपोर्ट प्रस्तुत कर ये बताए कि किस भू-माफिया के खिलाफ कितने आपराधिक केस दर्ज हैं और क्या कार्रवाई की गई।

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दरअसल, भूमाफिया चंपू अजमेरा, चिराग शाह और हैप्पी धवन पर आरोप है कि उन्होंने कालिंदी गोल्ड, फिनिक्स और सेटेलाइट कॉलोनी में आमजन को डायरी पर प्लाट बेचे। उन्होंने लोगों से प्लांट बेचने के नाम पर लाखों रुपए लिए, लेकिन प्लाट नहीं दिए। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को एक कमेटी बनाकर लोगों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी। प्रकरण की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने एडीएम अभय बेडेकर को तलब किया था। जिसके बाद आज कलेक्टर अभय बेडेकर कोर्ट में उपस्थित हुए।

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बेडेकर ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले में कमेटी बनाई गई है। कमेटी के सदस्य जेल में हैप्पी धवन औऱ चंपू अजमेरा से मुलाकात की। इसके बाद समिति ने पीड़ितों को प्लाट पर कब्जे दिलवाने की कार्रवाई भी शुरू की थी। आधे से ज्यादा पीड़ितों को न्याय दिलवाया भी गया। कुछ जगह भूमाफिया ने किसानों को पेमेंट नहीं किया है। इस कारण समस्या का समाधान करने में परेशानी आ रही है

एडीएम बेडेकर ने कोर्ट को बताया कि कालिंदी गोल्ड की 96, फिनिक्स की 81, सेटेलाइट की 72 इस तरह कुल 255 शिकायतें थीं। इनमें से 133 का निराकरण किया जा चुका है। समिति ने कुछ पीड़ितों को राशि वापस लेने का विकल्प भी दिया था, लेकिन वो राशि वापस लेने को तैयार नहीं हैं। एडीएम ने कहा कुछ मामलों में किसान आज भी पैसे लेने को तैयार हैं पर भूमाफिया पैसा नहीं दे रहे हैं। किसान को यह पैसा मिल जाए तो कुछ लोगों को और भी प्लाट मिल सकते हैं।

बता दें कि भूमाफियाओं को सुप्रीम कोर्ट से सा शर्त जमानत मिली थी, लेकिन वो प्रशासन को मदद नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपर कलेक्टर को धमकियां मिल रही है।

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