कुंदन कुमार/ पटना। एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने हाल ही में दिए गए एक विवादास्पद बयान पर सफाई देते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, जिससे किसानों की भावनाएं आहत हुईं। इस विषय पर खेद व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी भी सच्चे किसान को ठेस पहुंचाना नहीं था।
मुझे कृषकों से आत्मीय प्रेम
एडीजी कुंदन कृष्णन ने अपने स्पष्टीकरण में कहा, मैं खुद एक किसान परिवार से आता हूं। मुझे कृषकों से आत्मीय प्रेम है। मेरे कथन का उद्देश्य किसी किसान को नीचा दिखाना नहीं था। मेरे बयान को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया, जिससे यह भ्रम उत्पन्न हुआ कि हमने किसानों के खिलाफ कुछ कहा है। मैं इस गलतफहमी के लिए खेद प्रकट करता हूं और यदि किसी भी किसान भाई की भावना आहत हुई है, तो मैं उनसे क्षमा चाहता हूं।
एडीजी को सफाई देनी पड़ी
गौरतलब है कि हाल के दिनों में एक मामले को लेकर एडीजी कुंदन कृष्णन द्वारा मीडिया में दिए गए बयान की कुछ पंक्तियों को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रसारित किया गया। इसके बाद किसान संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। विरोध के स्वर उठते ही मामला गर्मा गया था और एडीजी को सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा।
अपराधी की कोई जाति नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि कानून के नजर में अपराधी की कोई जाति, वर्ग या पेशा नहीं होता। “हमने हमेशा यही कहा है कि अपराधी को अपराध के आधार पर देखा जाना चाहिए, न कि उसके पेशे या पारिवारिक पृष्ठभूमि के आधार पर,” एडीजी ने जोड़ा।
किसान सबसे मजबूत स्तंभ
कृषि देश की रीढ़ है और किसान इसके सबसे मजबूत स्तंभ। ऐसे में यदि उनके सम्मान को लेकर कोई विवाद खड़ा होता है, तो उसका व्यापक असर होता है। एडीजी के इस माफीनामे के बाद उम्मीद की जा रही है कि विवाद थम जाएगा और स्थिति सामान्य हो सकेगी।
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