बेंगलुरु। आदित्य-एल1 मिशन को लेकर इसरो ने अपडेट जारी किया है. संगठन ने बताया कि अंतरिक्ष यान स्वस्थ है और सूर्य-पृथ्वी L1 की ओर बढ़ रहा है. यान की दिशा को सही करने के लिए एक ट्रेजेक्टरी करेक्शन मैनुवर (टीसीएम) 6 अक्टूबर को की गई, जिसमें लगभग 16 सेकंड के लिए इंजन को चलाया गया.
इसरो ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में बताया कि ट्रेजेक्टरी करेक्शन मैनुवर 19 सितंबर को किए गए ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) को ट्रैक करने के बाद प्रक्षेप पथ को सही करने के लिए जरूरी था. टीसीएम के जरिए सुनिश्चित किया गया कि अंतरिक्ष यान एल1 के आसपास हेलो कक्षा में प्रवेश की दिशा में अपने इच्छित पथ रहे. जैसे-जैसे आदित्य-एल1 आगे बढ़ता रहेगा, कुछ ही दिनों में मैग्नेटोमीटर फिर से चालू हो जाएगा.
बता दें कि सूर्य के अध्ययन पर निकला भारत का पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन आदित्य एल-1, पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित एल-1 बिंदु की परिक्रमा करेगा. यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकलकर इस बिंदु तक पहुंचने के लिए अपना आधा से अधिक सफर तय कर चुका है. यान जनवरी 2024 के पहले हफ़्ते तक एल-1 कक्षा में पहुंचेगा.
सूर्य में होने वाले विस्फोटों का होगा अध्ययन
आदित्य एल-1 में अपनी निर्धारित कक्षा में पहुंचने के बाद 4 रिमोट-सेंसिंग यानि सुदूर-संवेदी पेलोड के जरिए जहां सूर्य में होने वाले महाशक्तिशाली विस्फोटों के मल्टी-वेवलेंथ चित्र और स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराएगा, वहीं 3 इन-सीटू यानि यथा-स्थान पेलोड सूर्य-विस्फोटों व सौर वायु के पृथ्वी पर पड़ने वाले असर जो जानने में मदद करेंगे. आदित्य-अल 1 अंतरिक्ष के मौसम की पूर्व-चेतावनी उपलब्ध कराएगा जो अंतरिक्ष संपत्ति की रक्षा में बहुत मददगार होगा.