अंकुर तिवारी, धमतरी। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक के ग्राम पंचायत गारपा में तीन दिवसीय ग्राम सभा का आयोजन किया गया. घने जंगलों के बीच यहां 22 से 24 जनवरी तक हजारों की संख्या में 87 परगना के करीब 800 गांवों के आदिवासी ग्रामीण एकजुट हुए. इस सभा में शामिल होने के लिए तीन चार दिन से लगातार पैदल चलकर महिलाएं, पुरुष, नौजवान लोग तीन दिवसीय “बस्तर बचाओ महासम्मेलन” ग्राम सभा में शामिल हुए. इस ग्राम सभा में अलग अलग मुद्दों पर देर तक चर्चा हुई. उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सरकार की रणनीति को समझाया गया.
ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग कई सालों से स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र, पीने का साफ पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग करते आ रहे है. लेकिन हमारी मांग पर ध्यान न देकर सरकार यहां की खनिज संपदा को लूटने के लिए जगह जगह पर बीएसएफ कैंप और पुलिस थाने लगा कर सड़क और पुलिया बना रही है. जबकि हमने यह मांग किया ही नहीं. और जबरन माड़ इलाके में कैंप खोला जा रहा है, जिसे माड़ इलाके से हटाया जाए. हम यहां की खनिज संपदा को किसी भी कीमत पर लूटने नहीं देंगे. हम अपने जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा करेंगे.
ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग वन अधिकार पट्टे का भी विरोध करते हैं और करेंगे. हमारे पूर्वज जिस तरह से रहते आए हैं, ठीक उसी तरह हम लोग भी इन जंगलों में रहेंगे. लेकिन सरकार हम पर जबरदस्ती का विकास न थोपे. आज सरकार पूरे बस्तर संभाग में जबरदस्ती का विकास के नाम पर पर्यवरण को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
बता दें कि इस ग्राम सभा के माध्यम से बदरी नुरूटी, कटिया नुरूटी, दसरू राम, मनोज पोटाई, चैनसिंह सलाम, धन्नु पददा, बोरगा, सुकला नुरूटी, मिरचा वाद्दे , स्वदेव उसेंडी, देवय मण्डावी, सालू राम, गोसरु हिचामी ने कहा कि आज 87 परगना के ग्रामीण ग्राम सभा करने के बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार के नाम से जिला कलेक्टर को ज्ञापन देंगे.