तरनतारन के विधानसभा हल्का खडूर साहिब के गांव झंडेर महांपुरखां में दिल्ली-कटरा राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण करने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों की टीम जमीन का कब्जा नहीं ले सकी. इस गांव के किसान सरकार द्वारा दिए जा रहे रेट्स को कम बताते हुए जमीन देने को तैयार नहीं हैं.
किसानों की मांग है कि जमीन का मुआवजा एक से डेढ़ करोड़ रुपये तक दिया जाए. आज जब गांव में प्रशासन द्वारा जमीन अधिग्रहण की सूचना मिली, तो बड़ी संख्या में किसान संगठनों की अगुवाई में किसान गांव में इकट्ठा हो गए.
किसानों और प्रशासन के बीच नहीं बनी सहमति
प्रशासनिक अधिकारियों ने जमीन के रेट्स को लेकर किसानों के साथ कई दौर की बैठकें कीं, लेकिन जमीन के रेट्स पर सहमति नहीं बनने के कारण प्रशासन गांव झंडेर महांपुरखां की जमीन अधिग्रहण नहीं कर सका.
प्रशासनिक अधिकारियों को बिना जमीन अधिग्रहण किए ही वापस लौटना पड़ा. इस मौके पर किसान संगठनों के नेताओं ने बताया कि सरकार जमीन के रेट बहुत कम दे रही है. वे कम रेट पर जमीन नहीं देंगे. किसानों ने कहा कि आज प्रशासन के साथ उनकी सहमति नहीं बनी है, जिसके कारण प्रशासन को खाली हाथ लौटना पड़ा है.
जमीन के रेट्स को लेकर हुई बैठक
इस दौरान मौके पर किसानों के साथ बैठक करने पहुंचे एसडीएम सचिन पाठक ने बताया कि आज वे अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ यहां पहुंचे हैं और किसानों के साथ जमीन के रेट्स को लेकर बैठक हुई है, जिसमें सहमति नहीं बनी है. किसानों की मांगे उच्च अधिकारियों के पास भेज दी जाएंगी. एसडीएम ने बताया कि आज कुछ अन्य गांवों में दो से ढाई किलोमीटर जमीन अधिग्रहित की गई है.
पुलिस बल के साथ पहुंचे एसपीडी अजय राज सिंह ने बताया कि किसानों के साथ बैठक में जमीन अधिग्रहण को लेकर सहमति नहीं बनी है, बाकी स्थिति नियंत्रण में है.
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