अमृतांशी जोशी,भोपाल। मध्यप्रदेश में नशे का ग्राफ बढ़ने के बाद प्रशासन एक्टिव मोड़ पर आ गया है. राजधानी भोपाल में अफसरों की सोमवार को बड़ी बैठक बुलाई गई है. युवा में नशाखोरी रोकने की रणनीति बनेगी. पुलिस, स्वास्थ्य, चिकित्सा नारकोटिक्स के अधिकारी शामिल होंगे. युवाओं में बढ़ते नशे को लेकर कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बैठक बुलाई है. नशीली दवाओं की तरह इस्तेमाल को लेकर चर्चा होगी. हाल ही में एक सर्वे में युवाओं के तम्बाकू सेवन की बढ़ोतरी की रिपोर्ट आई है.
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार नशा मुक्ति अभियान चला रही है. लाडली लक्ष्मी, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ और बेटी है तो कल है. जैसे बड़े नारे देने वाले राज्य मध्यप्रदेश की बेटियां ही प्रदेश को बदनाम कर रही हैं. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग का चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. जिसने स्वास्थ्य विभाग चिंता बढ़ा दी है. एमपी में बेटियां नशे में सबसे आगे निकल गईं हैं. नशे की लत में लड़कियां मदहोश होती जा रही हैं. हर गली चौराहे पर आपको लड़कियां सुट्टा लगाते मिल जाएंगी.
नेशनल हेल्थ मिशन की डायरेक्टर प्रियंका दास के मुताबिक मध्यप्रदेश की हर 100 में से 7 लड़कियां सिगरेट पी रही हैं, जबकि 11.1% लड़कियां बीड़ी के कश लगा रही हैं. शराब और दूसरी ड्रग्स का सेवन करने वाली लड़कियों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. मध्य प्रदेश में 25 फ़ीसदी युवा लड़के नशे पहले से ही नशे की चपेट में थे. अब लड़कियां भी नशे के मामले में लड़कों के बराबर ही जाम छलकाती हुई नजर आ रही है. पढ़ाई के नाम पर घर से बाहर दूसरे शहरों में हॉस्टल या प्राइवेट रूम लेकर रहने वाली लड़कियों में नशे की लत ज्यादा पाई गई है.
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