इंद्रपाल सिंह, नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में गेहूं-चना की बुवाई के लिए किसान डीएपी के लिए परेशान हो रहे हैं। इधर प्रशासन पर्याप्त मात्रा में खाद होने के दावे कर रहा है। लेकिन समय पर किसानों को खाद नहीं मिल रही। वहीं सारे काम छोड़कर किसान डीएपी खाद की टोकन लेने के लिए घंटो लाइन में लग रहे हैं।

दरअसल, उर्वरक मिलने की सूचना पर सुबह से ही किसानों की नर्मदापुरम कृषि उपज मंडी स्थित भंडारण केंद्र के बाहर किसान अपने सारे काम छोड़कर डीएपी खाद के टोकन लेने के लिए घंटो लाइन में लग रहे हैं। लेकिन किसानों को टोकन नहीं मिल रहे हैं। वहीं शाम होते ही टोकन नहीं मिलने से किसानों को निराश होकर खाली हाथ वापस घर लौटना पड़ रहा है। इसके साथ ही कुछ किसानों का अगर टोकन मिल जाते हैं तो उन्हें खाद के लिए फिर दूसरे दिन आना पड़ रहा है।

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बतादें कि, सरकारी समितियां में डीएपी नहीं होने से किसानों की भारी भीड़ गोदाम के बाहर लग रही है। नई रेक में सहकारी समिति को 25% डीएपी खाद मिलना है। लेकिन जिले में आरओ- डीडी के बाद भी सहकारी समितियां को डीएपी नहीं पहुंचाया गया। इसमें इस क्षेत्र के किसान बाजार में ऊंचे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर है।

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पथोडी के किसान राजेंद्र चौरे ने बताया कि, वह सुबह 5:30 बजे से खाद लेने के लिए आए हैं। लेकिन उन्हें टोकन प्राप्त नहीं हुआ है। उनका कहना है कि जो किसान लाइन में खड़े है उन्हें टोकन नहीं मिल रहा है और बीच में से किसी भी व्यक्ति को टोकन दे दिया जा रहा है। वहीं खाद वितरण में अवस्था होने के कारण किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। किसान का कहना है कि समय पर डीएपी नहीं मिलने से फसलों की बुवाई का समय निकल जाएगा। इससे उनकी उपज प्रभावित होगी अभी किसानों की बाजार से महंगी डीएपी खरीदना मजबूरी हो गई है।

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