अनिल मालवीय, इछावर (सीहोर)। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के इछावर में हादसों को निमंत्रण देने वाला काम जोरों पर जारी है। नगर के बीच से निकलने वाले स्टेट हाइवे सहित अंचल की सड़कों पर दिन-रात रेत से भरे डंपर अंधी रफ्तार से दौड़ रहे है, जिनसे आए दिन यहां लोग हादसे का शिकार हो रहे है। तीन दिन पहले भी बस स्टैंड के समीप हाइवे पर एक डंपर चालक ने लापरवाही से वाहन चलाते हुए बाइक सवार को टक्कर मारकर कुचल दिया था, जिससे मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन द्वारा रेत के अवैध परिवहन और डंपरों की गति पर रोक लगाने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इससे लोगों में आक्रोश पनप रहा है। 

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आम जनता का कहना है कि खनिज विभाग की मिलीभगत से ही रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है। अधिकारी, कर्मचारियों की कारगुजारी का खामियाजा लोगों को हादसे के रूप में भुगतना पड़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के चलते ओवर लोड रेत  से भरे डंफर बैखौफ होकर क्षेत्र की सडकों पर अंधी रफ्तार से दौड़ रहे हैं, लेकिन अफसरों द्वारा ओवरलोड डंफरो पर कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण उनकी भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। नर्मदा नदी की रेत खदानों से ओवरलोड रेत भरकर डंफर और ट्रक नगर के बीचोबीच से निकलने वाले स्टेट हाइवे से दिन के उजाले व रात के अंधेरे में सैकड़ों की संख्या में गुजरते हैं। नगर की सीमा में प्रवेश करते ही चालक वाहनों की स्पीड बढ़ा देते हैं। अंधी रफ्तार से गुजरने वाले रेंत के यह वाहन अक्सर हादसों का कारण बन रहे हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा इनके खिलाफ पुख्ता कार्रवाई नहीं की जा रही है ,जिसके चलते डंफर आपरेटरों के हौसले बुलंद हो रहें हैं।

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रेत से भरे यह वाहन नगर व क्षेत्र की सड़कों से होकर सीहोर, आष्टा, इंदौर, कुरावर, श्यामपुर, देवास, महू आदि शहरों में जाते हैं। ओवरलोड रेत से भरे वाहन इछावर- सीहोर के बीच स्टेट हाइवे पर टोल नाका, क्रिसेंट चौराहा, पेट्रोल पंप सहित अन्य स्थानों पर घंटों खड़े रहते हैं।  लेकिन अफसरों द्वारा इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती हैं। इसके चलते अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर लोगों के द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं।

अफसरों की मिलीभगत से हो रहा है रेत का अवैध परिवहन :- 

ओवरलोड व बिना रॉयल्टी के रेत का अवैध परिवहन करने वालों पर स्थानीय प्रशासन ही नहीं खनिज विभाग के जिला प्रशासन स्तरीय अधिकारी भी मेहरबान है। बताया जा रहा है कि अफसरों की सांठगांठ से ही रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है।

ट्रैक्टर ट्रालियों से भी होता है रेत का परिवहन :- 
नगर में सुबह से ही बडी संख्या में रेंत से भरी ट्रालियां आती है , यह हाइवे पर पानी की टंकी व दीवड़िया जोड़ पर घंटों खडी रहती है।इनके पास ना तो रायल्टी होती है और ना ही कोई वैध कागजात होते हैं इसके बावजूद रेंत का काला कारोबार बैखोफ चल रहा है।

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हाइवे पर कई जगह लगे है रेत के ढेर – 
डंफर संचालक खदानों से रेत ओवर लोड भरकर लाते हैं और अतिरिक्त मुनाफा कमाने के चक्कर में वह रेत की कटिंग कर हाइवे व सड़क किनारे डाल देते हैं। सडक़ की पटरी पर रेंत के ढेर लगे होने एवं सडकों पर बिखरी पड़ी रेंत के कारण से वाहन चालकों को दिक्कतें हो रही है। खासकर दो पहिया वाहन चालक रेंत से फिसलकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।

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