अजयारविंद नामदेव, शहडोल। गुना बस हादसे के बाद शहडोल जिला प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। जिला प्रशासन व पुलिस विभाग ने सड़क पर उतरकर सड़क सभी यात्री बसों को चेक कर रही है। इस दौरान बसों में अलग-अलग कमियां पाई गई। जिसमें उनके चालान भी काटे गए। वहीं इन सब में परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

दरअसल, गुना बस हादसे के बाद शहडोल पुलिस रेंज एडीजीपी डीसी सागर एसपी कुमार प्रतीक सहित जिला प्रशासन की ओर से प्राभारी कलकेटर राजेश कुमार जैन ने संयुक्त रूप से बस स्टैण्ड शहडोल का भ्रमण किया। जिसमें बसों का औचक निरीक्षण किया गया। बसों की फिटनेस, बीमा सर्टिफिकेट, आपातकालीन दरवाजे, अग्निशमन यंत्र, फर्स्ट-एड बॉक्स, प्रदूषण सर्टिफिकेट, ड्रायवरों की निर्धारित वर्दी आदि की जांच की गई।

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पुलिस द्वारा लगभग 21 बसों के दस्तावेजों की जांच कर बसों का निरीक्षण किया गया। जिसमें से 10 बसों में निर्धारित मापदंडो के अनुरूप कमियां पाई गई। जिस पर उक्त बसों पर चालानी कार्रवाई कर 16 हजार 5 सौ रुपए शमन शुल्क वसूल किया गया। बस संचालकों एवं बस ड्राईवरों को कड़ाईपूर्वक निर्देशित भी किया गया है। यातायात नियमों का पालन आवश्यक रूप से करेंगे एवं उल्लंघन करते पाए जाने पर उनके विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाने की चेतवनी भी दी।

शहडोल जिले की बात करें तो यात्री बसों की संख्या 166 और स्कूल बस की संख्या 77 है । जिला परिवहन विभाग तो बना हुआ है लेकिन वह सिर्फ नाम के लिए क्योंकि यहां पर परिवहन विभाग का कोई कर्मचारी या अधिकारी बसों की मॉनिटरिंग नहीं करते है। लगातार कंडम बसें शहडोल जिले में दौड़ रही है, जिनके कई बार बड़े हादसे भी हो चुके हैं।

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