पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबन्द। धान खरीदी के बाद सूखत पर सरकार की सख्ती से समिति के कर्ता-धर्ताओं के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. आलम यह है कि सूखत की वजह से धान शार्टेज की भरपाई नहीं करने पर समिति प्रबंधक और खरीदी प्रभारी की बाइक तक जब्त कर ली जा रही है. हैरान-परेशान सहकारी समिति का प्रतिनिधि मण्डल मंत्री अमरजीत भगत से मुलाकात करने रायपुर पहुंचा, लेकिन उन्हें यहां भी मायूसी का सामना करना पड़ा.
इस बार धान खरीदी को लेकर सरकार ने शुरू से ही सख्ती दिखाई है. उठाव के बाद अब नजर आ रहे सूखत की भरपाई के लिए भी सख्त रवैया अपनाया जा रहा है. जिले के कुल 82 खरीदी केंद्रों में से 39 में जीरो शॉर्टेज आया, जबकि 43 केंद्र में अब तक कुल धान खरीदी की मात्रा में से 19 हजार क्विंटल शॉर्टेज निकला है. फिलहाल, 28 हजार क्विंटल धान का उठाव होना बाकी है, ऐसे में कहा जा रहा है कि उठाव पूरा होने तक शॉर्टेज की मात्रा 25 हजार क्विंटल तक पहुंच जाएगी, जिसकी कीमत 4 करोड़ से ज्यादा होगी.
धान खरीदी नोडल अधिकारी ने बताया कि शॉर्टेज के मामले में जिला आगे है. खरीदी व उठाव सब कुछ समय पर हुआ. बारिश का प्रभाव भी अन्य जिलों की भांति हमारे यहां भी आंशिक रूप से था. जब दूसरे जिले में शॉर्टेज जीरो हो सकता था तो हमारे जिले में आंकड़ा करोड़ों में कैसे चला गया. शासन के निर्देश के मुताबिक, शॉर्टेज की भरपाई खरीदी के लिए अधिकृत सहकारी समिति ही करेंगे. अंतर की मात्रा का आरओ राइस मिलर्स के नाम काटा गया है. समिति इसकी भरपाई मिलर्स को करेंगे, जिसे कस्टम मिलिंग के रूप में शासन बाद में प्राप्त कर लेगी.
सबसे ज्यादा शॉर्टेज दीवानमुड़ा में
पिछली धान खरीदी सीजन में दीवानमुड़ा धान खरीदी केन्द्र में लाखों की गड़बड़ी सामने आई थी. खरीदी प्रभारी नीलाम्बर बीसी को सस्पेंड कर दिया गया था. इस बार खरीदी प्रभारी नीलाम्बर के सहयोगी बीसी केसन को बनाया गया, लेकिन नीलाम्बर व्यवस्था प्रभारी के नाम पर पूरे कामकाज देखते रहे. इस साल धान खरीदी किये गए बोरे में से धान निकाल कर बोरों की संख्या बढ़ाने का मामला सामने आया तो फिर से सस्पेंड किये गए हैं. शॉर्टेज वाले समिति की लिस्ट में दीवानमुड़ा केंद्र का नाम सबसे ऊपर है. अब तक 1500 क्विंटल का शॉर्टेज आ चुका है. खरीदी नोडल अधिकारी अविनाश शर्मा, डीएमओ अमित चन्द्राकर व एसडीएम दीवानमुड़ा पहुंच कर पंचनामा तैयार किया है. अफसर भरपाई करने के लिए लिखित पत्र मांग रहे थे, लेकिन निलंबित कर्मियों ने अफसरों को लिखित पत्र नहीं दिया. अफसरों का एक दल लगातार समितियों तक पहुंच रहा है.
गोहरापदर व ढोर्रा प्रभारी के बाइक जब्त
जीरो शॉर्टेज व मिलर्स के बीच समन्वय स्थापित करने कलेक्टर ने राजस्व अफसरों की समिति बना दिया है, जिनका काम है शॉर्टेज की भरपाई कराना. मिलर्स के नाम आरओ काटकर शासन के रिकार्ड में जीरो शॉर्टेज का रिपोर्ट भेज तो दिया गया है, लेकिन समिति व जिम्मेदार लोग मिलर्स को इसकी भरपाई आसानी से नहीं करेंगे, ऐसे में उन पर दबाव का काम यह समिति करेगी. गोहरापदर खरीदी प्रभारी रामेश्वर बघेल व ढोर्रा केंद्र के टंकधर साहू की बाइक राजस्व अफसरों ने जप्त कर लिया है. दोनों ने बताया कि उन्हें मिलर्स के नाम काटे गए धान की पूर्ति करने कहा गया है.
प्रतिनिधि मंडल से नहीं मिले खाद्य मंत्री
जीरो शॉर्टेज की सख्ती के बाद देवभोग व मैनपुर सहकारी समिति का प्रतिनिधि मण्डल मंत्री अमरजीत भगत से मिलने राजधानी पहुंता था, लेकिन मंत्री के किसी आयोजन में चले जाने के कारण उनकी मुलाकात नहीं हुई. प्रतिनिधि मण्डल में शामिल झाखरपारा संचालक मण्डल के अध्यक्ष असलम मेमन ने बताया कि प्रभारी व सहकारिता मंत्री को पत्र सौपा गया है, जिसमें हमने बताया है कि बफर लिमिट से 5 गुना ज्यादा धान जाम पड़ा था. तय अनुबंध के मुताबिक, 72 घण्टे के भीतर धान का उठाव नहीं किया गया. बारिश में भी धान खराब हो गए. 19 से 20 प्रतिशत नमी के बावजूद धान की खरीदी की गई. समय-समय पर किए गए भौतिक सत्यपन में ये सारी बाते सामने आई है. ऐसे में 1 से डेढ़ प्रतिशत सूखत (शॉर्टेज) आना स्वभाविक है. मांग की गई कि शॉर्टेज की राशि की प्रतिपूर्ति मिलर्स के आरओ के बजाए धान खरीदी के एवज में मिलने वाले कमीशन राशि से की जाए.
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