सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोचिंग संचालकों पर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। शहर में अब कोचिंक संचालकों की मनमानी नहीं चलेगी। भोपाल में अधिकारी ने खुद सड़कों पर उतरकर जांच की। इस दौरान फायर सेफ्टी मॉक ड्रिल और संस्थानों की जांच की गई। वहीं शनिवार 3 अगस्त को कोचिंग संचालकों की बैठक बुलाई है।

दिल्ली में हुए कोचिंग सेंटर हादसे के बाद मध्य प्रदेश में भी बेसमेंट के कमर्शियल उपयोग पर सख्त कर्रवाई शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में राजधानी भोपाल में प्रशासनिक अमला सड़कों पर उतर गया। प्रशासन और पुलिस की टीम ने एमपी नगर जोन 1 और 2 में दौरा किया। इस दौरान कोचिंग संस्थानों की जांच की। साथ ही फायर सेफ्टी मॉक ड्रिल की गई है। वहीं प्रशासन ने 3 अगस्त शनिवार को पूरे भोपाल के कोचिंग संचालकों की बैठक बुलाई है। मीटिंग में संचालकों को कोचिंग में तमाम व्यवस्था करने के निर्देश दिए जाएंगे।

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दिल्ली में तीन छात्रों की हुई थी मौत

आपको बता दें कि दिल्ली में नामी-गिरामी IAS कोचिंग सेंटर राव इंस्टीट्यूट (Raus IAS Study Circle) के बेसमेंट में पानी भरने से UPSC की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत हो गई थी। IAS कोचिंग सेंटर बेसमेंट में चल रहा था। बारिश का पानी नालियां जाम होने की वजह से निकल नहीं पाया और सड़कों पर भर गया।

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MP सरकार अलर्ट, CM मोहन ने जांच के दिए हैं निर्देश

इसी बीच कोचिंग सेंटर के बेसमेंट का गेट टूट गया और अचानक से सारा पानी बेसमेंट में भर गया। जिससे तीन छात्रों की डूबने से मौत हो गई थी। इस मामले में दिल्ली सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। वहीं इस हादसे के बाद से मध्य प्रदेश सरकार अलर्ट मोड पर है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटरों के सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।

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