प्रयागराज. नवविवाहित जोड़े को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. नवविवाहित जोड़े की ओर से सुरक्षा के लिए दायर की गई याचिका पर अदालत ने कहा कि दोनों बालिग हैं, उनके शांतिपूर्ण जीवन में कोई हस्तक्षेप न करें. साथ ही कोर्ट ने कहा कि यदि याचीगण आदेश की काॅपी के साथ पुलिस अधीक्षक से संपर्क करते हैं तो उन्हें तत्काल सुरक्षा प्रदान की जाए.

कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि रिकॉर्ड पर लाए गए दस्तावेज फर्जी पाए जाते हैं, तो प्रतिवादी आदेश को वापस लेने के लिए रिकॉल आवेदन दायर कर सकते हैं. न्यायमूर्ति नंद प्रभा शुक्ला की कोर्ट ने खुशबू व एक अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया. चंदौली निवासी याची खुशबू ने हिमांशु कृष्ण से प्रेम विवाह किया था. इस दौरान परिजनों से जान का खतरा बताते हुए उन्होंने सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गुहार लगाई.

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याची अधिवक्ता ने दलील दी कि याचीगण बालिग हैं. उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की है. 4 अप्रैल 2024 को शादी का पंजीकरण भी करा लिया है. वह पति-पत्नी के रूप में रह रहे हैं. उन्हें अपने परिवार से जान को खतरा है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता बालिग हैं. ऐसे में वह एक साथ रहने के लिए स्वतंत्र हैं. किसी भी व्यक्ति को उनके शांतिपूर्ण जीवन में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है. याची की ओर से सुरक्षा की मांग करने पर पुलिस अधीक्षक, जिला-चंदौली तत्काल सुरक्षा प्रदान करेंगे.

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