रायपुर. जिमीकांदा एक गुणकारी सब्जी है. जिसे जिमीकंद या सूरन के नाम से भी जाना जाता है. इसमें फाइबर, विटामिन सी, विटामिन बी-6, विटामिन बी-1 और फॉलिक एसिड होता है. साथ ही जिमीकंदा में पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस भी पाया जाता है. आज हम आपको बताते हैं कि जिमीकंद खाने से क्या फायदे होते हैं.

मेमोरी पावर बढ़ता है जिमीकंद

आयुर्वेद में जिमीकंद जड़ औषधि के रूप में प्रयुक्त होती है. पेट से जुड़े रोगों के लिए इसका सेवन रामबाण की तरह होता है. ये दिमाग तेज करने में भी मदद करता है. जिमीकंद खाने से मेमोरी पावर बढ़ती है. साथ ही ये अल्जाइमर रोग होने से भी बचाता है. दिमाग को तेज करने के लिए जिमीकंद को अपने आहार में शामिल करें.

कैंसर के लिए फायदेमंद

जिमीकंदा में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और बीटा कैरोटीन पाया जाता है. यह कैंसर पैदा करने वाले फ्री रैडिकल्स से लड़ने में मददगार होता है. इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण ये गठिया और अस्थमा रोगियों के लिए अच्छा होता है. जिमीकंद में पाया जाने वाला कॉपर लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाकर शरीर में ब्लड के फ्लो को दुरुस्त करता है और आयरन ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने में भी मदद करता है.

इन बातों का रखें ध्यान

जिमीकंद का प्रयोग पाइल्स, सांस रोग, खांसी, आमवात और कृमिरोगों के इलाज में किया जाता है. जिन लोगों को लीवर या लीवर में समस्या है, उनके लिए भी जिमीकंद एक वरदान है. जिमीकंद में पर्याप्त मात्रा में बी-6 होने से दिल की बीमारी नहीं होती. जिमीकंद में विटामिन बी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ये बल्ड प्रेशर को नियंत्रित कर हृदय को स्वस्थ रखता है. जिमीकंद में पोटैशियम की मौजूदगी के कारण यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मदद करता है. इसे नियमित खाने से कब्ज और कॉलेस्ट्रॉल की समस्या दूर हो जाती है.

किसके लिए फायदेमंद किसे है मनाही ?

जिमीकंद पाइल्स से लेकर कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों से बचाए रखता है. आयुर्वेद के अनुसार जिमीकंद उन लोगों को नहीं खाना चाहिए, जिनको किसी भी प्रकार का चर्म रोग हो. जिमीकंद ड्राई, कसैला, खुजली करने वाला होता है. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें :