रायपुर। एडवोकेट विवेक सारस्वत, (सारस्वत एसोसिएट्स के प्रमुख) जो अप्रत्यक्ष कराधान के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के लिए विख्यात हैं। उन्होंने विवेक चैटबॉट नामक निःशुल्क आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित चैटबॉट विकसित किया है, जो आपके सभी वस्तु एवं सेवा कर (GST) संबंधी प्रश्नों का उत्तर देगा। एडवोकेट विवेक सारस्वत 2022 में राज्य अलंकरण “बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था। अब वह अपने नवीनतम नवाचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित चैटबॉट विवेक चैट बाट के माध्यम से जीएसटी ज्ञान को लोकतांत्रिक बनाने की पहल की है। यह चैटबॉट सोमवार, 14 जुलाई 2025 से वेबसाइट cggst.com पर सभी के लिए निःशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि “हम विवेक चैटबॉट को हमेशा निःशुल्क रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि देश का हर छोटा-बड़ा कारोबारी, छात्र एवं प्रोफेशनल इसका लाभ उठा सके।”

ज्ञान की सीमाओं को तोड़ता ‘विवेक’ चैटबॉट

जीएसटी, जो अपनी जटिलताओं के लिए जाना जाता है, अब तक कुछ चुनिंदा टैक्स प्रोफेशनल्स के ज्ञान तक ही सीमित था। छोटे व्यापारी और नए उद्यमी अक्सर इसके नियमों को समझने में संघर्ष करते थे और उन्हें महंगी पेशेवर सलाह पर निर्भर रहना पड़ता था। विवेक चैटबॉट का लॉन्च इस परिदृश्य को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखता है। यह चैटबॉट जीएसटी से जुड़े हर सवाल का जवाब सरल, सटीक और तुरंत देने के लिए डिजाइन किया गया है। चाहे वह इनपुट टैक्स क्रेडिट का मामला हो, ई-वे बिल की प्रक्रिया हो HSN कोड, कर की दरे, नोटिफिकेशन्स या फिर रिटर्न फाइलिंग की कोई दुविधा, आदि विवेक चैटबॉट 24 घंटे एक जानकार सलाहकार की तरह मदद के लिए तैयार रहेगा।

सारस्वत एसोसिएट्स के प्रमुख एडवोकेट विवेक सारस्वत ने इस मौके पर कहा, “हमारा मकसद ज्ञान का लोकतंत्रीकरण करना है। जीएसटी देश का एक महत्वपूर्ण कर सुधार है, लेकिन इसकी जटिलता कई लोगों के लिए एक बाधा रही है। विवेक चैटबॉट के माध्यम से हम उस बाधा को तोड़ना चाहते हैं। यह सिर्फ एक सॉफ्टवेयर नहीं, बल्कि हर उस व्यापारी का साथी है जो ईमानदारी से अपना व्यवसाय करना चाहता है और नियमों का पालन करना चाहता है।”

कैसे काम करेगा ‘विवेक’?

विवेक चैटबॉट को जीएसटी कानून, नियमों, अधिसूचनाओं और केस स्टडीज के विशाल डेटाबेस पर प्रशिक्षित किया गया है। यह मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग करता है, जिसका अर्थ है कि यह समय के साथ अपने आप को और बेहतर बनाता जाएगा। उपयोगकर्ता वेबसाइट www.cggst.com पर जाकर चैट विंडो में और विवेक चैटबॉट तुरंत प्रासंगिक और संक्षिप्त जानकारी प्रदान करेगा।

छोटे व्यवसायों के लिए एक वरदान

इस पहल का सबसे अधिक लाभ छोटे और मझोले उद्यमों (MSMEs) को मिलने की उम्मीद है, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। अब उन्हें जीएसटी से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारियों के लिए प्रोफेशनल्स के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और न ही भारी-भरकम फीस चुकानी पड़ेगी। इससे न केवल उनके समय और पैसे की बचत होगी, बल्कि वे अपना ध्यान अपने व्यवसाय को बढ़ाने में अधिक केंद्रित कर पाएंगे।

टैक्स प्रोफेशनल्स का भी घटेगा बोझ

यह चैटबॉट टैक्स प्रोफेशनल्स के लिए भी एक उपयोगी उपकरण साबित होगा। वे इसका उपयोग बुनियादी सवालों के त्वरित जवाब पाने के लिए कर सकते हैं, जिससे उनका बहुमूल्य समय बचेगा और वे अपने ग्राहकों के अधिक जटिल मामलों पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। यह कदम भारत के टैक्स इकोसिस्टम में AI के एकीकरण में एक नया अध्याय लिख रहा है, जो भविष्य में बेहतर कर अनुपालन और पारदर्शिता की नींव रखेगा।

विवेक चैटबॉट का आगमन इस बात का प्रमाण है कि कैसे प्रौद्योगिकी का सही उपयोग आम आदमी के जीवन को सरल और सशक्त बना सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पहल भारतीय व्यवसायों और कर प्रणाली में क्या बदलाव लाती है।

समाज और तकनीक का बदलता भविष्यः भारत की नई उड़ान

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब केवल विज्ञान की कल्पना नहीं, बल्कि एक ऐसी हकीकत है जो हमारे जीने, काम करने और सोचने के तरीके को बदल रही है। दुनिया भर में जब बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियां इस तकनीक पर अपना दबदबा बना रही हैं, तब विवेक चैटबॉट जैसे चैट बॉट का भारत में बनना और सफल होना एक नए आत्मविश्वास का प्रतीक है। यह इस बात का सबूत है कि भारत अब केवल टेक्नोलॉजी का उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक निर्माता बन रहा है। यह एक ऐसी क्रांति की शुरुआत है जहां हम अपनी समस्याओं के लिए अपने ही देश में बने समाधानों पर निर्भर हो सकते हैं। समाज के लिए इसका अर्थ है कि आने वाला कल तकनीक के साथ कदम मिलाकर चलने का है, जहां हर व्यक्ति के हाथ में जानकारी की ताकत होगी।

निःशुल्क तकनीकः महंगे विदेशी AI टूल्स को सीधी चुनौती

आज के दौर में जहां ज्ञान और तकनीक की कीमत चुकानी पड़ती है, वहीं विवेक चैटबॉट का पूरी तरह से निःशुल्क होना एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम है। कई अंतरराष्ट्रीय AI उपकरण जो इसी तरह की सुविधाएँ देते हैं, वे भारी-भरकम मासिक शुल्क वसूलते हैं जो छोटे व्यापारियों और नए प्रोफेशनल्स की पहुंच से बाहर होते हैं। सारस्वत एसोसिएट्स की यह पहल इस धारणा को तोड़ती है कि बेहतरीन तकनीक हमेशा महंगी होती है। यह सीधे तौर पर उन बड़ी कंपनियों को चुनौती है जो जानकारी को बेचकर मुनाफा कमाती हैं। विवेक चैटबॉट का निःशुल्क मॉडल ज्ञान के लोकतंत्रीकरण को बढ़ावा देगा, जिससे भारत के दूर-दराज के क्षेत्रों में बैठा एक छोटा दुकानदार भी वही जानकारी हासिल कर सकेगा जो दिल्ली या मुंबई में बैठे किसी बड़े उद्योगपति को उपलब्ध है।

प्रोफेशनल्स के लिए अवसर या खतराः कैसे बदलेगी कार्यशैली?

इस तकनीक का आगमन प्रोफेशनल्स के मन में एक सवाल जरूर खड़ा करता है – क्या AI हमारी जगह ले लेगा? लेकिन इसका जवाब डर में नहीं, बल्कि अवसर में छिपा है।

नए प्रोफेशनल्स के लिए: कानून और चार्टर्ड अकाउंटेंसी की दुनिया में कदम रख रहे युवाओं के लिए विवेक चैटबॉट एक 24/7 उपलब्ध रहने वाले वरिष्ठ सलाहकार की तरह होगा। अब उन्हें छोटे-छोटे सवालों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यह टूल उन्हें तेजी से सीखने, आत्मविश्वास हासिल करने और अपने क्लाइंट्स को बेहतर सेवा देने में मदद करेगा। यह उनके लिए एक लॉन्चपैड की तरह काम करेगा, जिससे वे अपने करियर की शुरुआत मजबूती से कर सकेंगे।

स्थापित प्रोफेशनल्स के लिए: जो लोग इस क्षेत्र में वर्षों से काम कर रहे हैं, विवेक चैटबॉट उनका बोझ हल्का करेगा। दिन भर में पूछे जाने वाले सैकड़ों सामान्य और दोहराए जाने वाले सवालों का जवाब अब यह चैटबॉट दे देगा। इससे अनुभवी प्रोफेशनल्स का कीमती समय बचेगा, जिसे वे जीएसटी के जटिल मामलों, कानूनी दांव-पेंच और रणनीतिक सलाह देने जैसे महत्वपूर्ण कामों में लगा सकेंगे। यह तकनीक उनका स्थान नहीं लेगी, बल्कि उनकी क्षमताओं को और निखारेगी, जिससे वे एक सलाहकार की भूमिका में और अधिक प्रभावी ढंग से काम कर पाएंगे। संक्षेप में, विवेक चैटबॉट इंसानी दिमाग का विकल्प नहीं, बल्कि उसका सबसे बड़ा सहायक बनने जा रहा है।