दिल्ली. अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए बजटीय आवंटन बढ़ाने, उनके चैंबर संबंधी सुविधाओं और आवास आदि की मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे वकीलों की मांगों पर सरकार ने मंगलवार को खुले दिमाग से विचार करने का आश्वासन दिया. विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कहा ‘‘सरकार वकीलों की मांगों पर खुले दिमाग से विचार करेगी.’

उन्होंने वकीलों के पेशे के प्रति पूरी तरह सम्मान जाहिर करते हुए कहा कि हड़ताल कर रहे कुछ वकीलों ने उनसे कल और कुछ ने आज मुलाकात की और अपनी समस्याओं के बारे में बताया. प्रसाद ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर खुले दिमाग से विचार करेगी.

शून्यकाल में यह मुद्दा तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने उठाया. उन्होंने कहा कि देश भर में करीब 15 लाख वकील अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. इन मांगों में अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए बजटीय आवंटन बढ़ाने, चैंबर संबंधी सुविधाओं, बीमा और आवास आदि शामिल हैं. मंत्री के आश्वासन के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि खुले दिमाग के साथ साथ सकारात्मक सोच रखते हुए मांगों पर विचार किया जाना चाहिए. इस पर प्रसाद ने कहा ‘‘खुले दिमाग में सकारात्मक सोच शामिल है.’