नई दिल्ली। अफगानिस्तान के कई छात्रों ने रिसर्च और टेक्नोलॉजी से जुड़े पाठ्यक्रमों के लिए भारतीय संस्थानों में आवेदन किया है. इनमें से कई छात्रों ने IIT दिल्ली में आवेदन किया और दाखिला पाने में भी सफल रहे, बावजूद इसके ये छात्र IIT दिल्ली नहीं आ सके. इसका बड़ा कारण यह है कि इनमें से किसी भी छात्र को भारत का वीजा नहीं मिल सका है. IIT दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी. राम गोपाल राव ने बताया कि आईआईटी दिल्ली ने भारत का वीजा हासिल करने के लिए आईआईटी दिल्ली से संबंधित अफगानी छात्रों की मदद की. ई-वीजा किस प्रकार हासिल किया जाए, कैसे इसके लिए आवेदन किया जाए, आवेदन के साथ क्या दस्तावेज संलग्न किए जाएं, इसमें आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों ने अफगानी छात्रों का मार्गदर्शन किया, लेकिन किसी भी छात्र को भारत का ही वीजा अभी तक नहीं मिला है.

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आईआईटी दिल्ली के निदेशक का कहना है कि अफगानी छात्रों के वीजा के विषय पर आईआईटी दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के संपर्क में है. प्रोफेसर वी रामगोपाल राव के मुताबिक, जिस समय अफगानिस्तान में उथल-पुथल शुरू हुई, उस समय आईआईटी दिल्ली के पीएचडी विभाग में 16 अफगानी छात्रों का नामांकन था. इनमें से एक छात्र भारत में था, जबकि बाकी के 15 अफगानिस्तान में थे.

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नए दाखिले के दौरान भी पीजी पाठ्यक्रमों की अंतिम तारीख बीत जाने के बावजूद अफगानी छात्रों को इन पाठ्यक्रमों में आवेदन करने का अतिरिक्त अवसर प्रदान किया गया है. तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल समेत अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. इसके बाद वहां स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. संकट की इस घड़ी में अब आईआईटी दिल्ली जैसे संस्थान अफगानिस्तान के अपने छात्रों की मदद के लिए आगे आए हैं.

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आईआईटी ने अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर कहा कि वह अफगान छात्रों को कैंपस में वापस लाने की कोशिश करेगा. आईआईटी दिल्ली के मुताबिक संकट की इस घड़ी में वो अपने छात्रों और अफगानिस्तान के अपने पूर्व छात्रों के साथ खड़ा रहेगा. गौरतलब है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाएं वापस लौट चुकी हैं. इसके बाद वहां तालिबान का कब्जा हो गया है. इस घटनाक्रम के बाद लगातार विभिन्न देशों के राजनयिक भी अफगानिस्तान से वापस लौटे हैं. उनके अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं और व्यवसायी भी अफगानिस्तान छोड़कर स्वदेश लौट चुके हैं.