नई दिल्ली। हरी आंखों वाली अफगानिस्तान की शरबत गुला ने महज 12 साल की उम्र में दुनिया में हलचल मचा दी थी. ज्योग्राफिक मैगजीन के कवर पर छपी उनकी तस्वीर अफगानिस्तान विभीषिका की वह निशानी बन गई, जिसे लोग आज तक नहीं भुला पाए हैं.  समय के साथ हालात कुछ ऐसे बदले हैं कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान फिर अफगानिस्तान के बाद अब शरबत गुला को इटली में शरण मिली है.

शरबत गुला तब महज 12 साल की थीं, जब पाकिस्तान के शरणार्थी शिविर में एक फोटोग्राफर ने उनकी ये तस्वीर ली. पूरी दुनिया की नजर उनकी हरी आंखों पर आकर टिक गईं. मशहूर होने के कुछ साल बाद 2016 में शरबत को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया. उनपर फर्जी पहचान पत्र के साथ देश में रहने का आरोप लगा और वापस युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान भेज दिया गया. तब से वह अफगानिस्तान में ही रह रही थी, लेकिन तालिबान के देश पर एक बार फिर कब्जा के साथ शरबत ने भी फिर अफगानिस्तान छोड़ दिया है.

शरबत गुला के पति की मौत हो गई है और वह चार बच्चों की मां हैं. इस साल अगस्त महीने में विदेशी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़कर जाने के बाद उन्होंने भी परिवार सहित देश छोड़ दिया. अब वह इटली में रह रही हैं. इटली की सरकार ने गुरुवार को बताया कि शरबत गुला को पश्चिमी देशों के निकासी अभियान के तहत यहां लाया गया है. प्रधानमंत्री मारियो द्रागी के कार्यालय ने बताया कि शरबत ने देश से निकलने के लिए मदद मांगी थी. जिसके बाद इटली ने उनकी निकासी कराई. अब सरकार उनकी हर संभव मदद भी करेगी, ताकि उन्हें देश में रहने के दौरान किसी तरह की दिक्कत ना आए.