Punjab News: चंडीगढ़. 22 करोड़ रुपए के हाउसिंग लोन स्कैम में इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने 11 साल बाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में चार्जशीट पेश की है. ये चार्जशीट तीन आरोपियों के खिलाफ हैं, जिनमें मुख्य आरोपी राजिंदर सिंह कलसी, करण ठाकुर और सोनिया ठाकुर शामिल हैं. अब इनके खिलाफ 7 अक्टूबर से मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलेगा.
वर्ष 2012 में चंडीगढ़ पुलिस ने पंजाब एंड सिंध बैंक में करोड़ों रुपए के घोटाले का पर्दाफाश किया था. उस समय के बैंक मैनेजर राजिंदर सिंह कलसी और अन्य आरोपियों ने मिलकर फर्जी नाम और पते पर लोन जारी कर दिए और बैंक को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया. इस मामले में पुलिस ने राजिंदर कलसी समेत कई आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने के तहत केस दर्ज किया था. एफआईआर दर्ज होने के बाद ईडी ने भी इस केस की जांच शुरू कर दी थी. ईडी को इस मामले में करोड़ों की मनी चलेगा.
114 फर्जी लोगों को जारी किए गए थे लोन
2012 में पुलिस ने पंजाब एंड सिंध बैंक की सेक्टर-24 ब्रांच के सीनियर मैनेजर कमलजीत सिंह की शिकायत पर ये केस दर्ज किया था. उन्होंने शिकायत में बताया कि बैंक की एनुअल इंस्पेक्शन के दौरान पता चला कि हाउसिंग लोन सेंक्शन करने में कई गड़बड़ियां की गई थीं. जांच में सामने आया कि उनसे पहले के मैनेजर राजिंदर सिंह कलसी ने करण ठाकुर व एक अन्य आरोपी के साथ मिलकर 114 फर्जी लोन जारी कर दिएये लोन फर्जी नाम और पते पर किए गए थे. लोन सेंक्शन करने के लिए जारी कागजातों का भी इस्तेमाल किया गया था.
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