सत्या राजपूत,रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को अटल नगर, नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की अहम बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए. इनमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला बर्खास्त किए गए बीएड अर्हताधारी सहायक शिक्षकों के हित में लिया गया, जिससे लंबे समय से संघर्षरत शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है.
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मंत्रिपरिषद ने सीधी भर्ती 2023 में नियुक्ति उपरांत सेवा समाप्त किए गए 2621 बीएड अर्हताधारी सहायक शिक्षकों को अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा के अनुसार सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजित करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय के कार्यान्वयन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है.
सरकार के इस फैसले के बाद बीते 126 दिनों से धरने पर बैठे शिक्षकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है. आंदोलनरत शिक्षकों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे अपने संघर्ष की जीत बताया है. इसी कड़ी में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सहायक शिक्षक संघ के पदाधिकारी रायपुर के शंकर नगर स्थित लल्लूराम डॉट कॉम और न्यूज़ 24 मप्र-छग के कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने आंदोलन के दौरान लगातार कवरेज के लिए संस्थान का आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि मीडिया की भूमिका उनके संघर्ष को आवाज देने में अहम रही.
जानें क्या है मामला?
4 मई 2023 भर्ती परीक्षा का विज्ञापन जारी किया गया (बीएड मान्य). 10 जून 2023 व्यापम द्वारा भर्ती परीक्षा का आयोजन (डीएड तथा बीएड दोनों ही अभ्यर्थी शामिल). 2 जुलाई 2023 परीक्षाफल तथा मेरिट लिस्ट जारी किया गया. सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त 2023 को आदेश दिया था कि B.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां केवल 11 अगस्त 2023 से पहले तक ही मान्य होंगी. 21 अगस्त 2023 डीएड के अभ्यर्थी छ. ग. हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हैं और बीएड की काउंसलिंग रोक दी जाती है. 29 अगस्त 2023 बीएड के अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट जाते हैं, तथा उन्हें अंतरिम राहत प्रदान की जाती है तथा काउंसलिंग में शामिल किया जाता है. 21 सितम्बर 2023 – मेरिट लिस्ट के अनुसार बीएड के अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाता है. 2 अप्रैल 2024 – छ. ग. हाईकोर्ट द्वारा बीएड के स्थान पर पीछे के रैंक वाले डीएड अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का फैसला दिया जाता है. 28 अगस्त 2024 हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध राज्य सरकार तथा बीएड अभ्यर्थियों द्वारा लगाई गई याचिका सुप्रीमकोर्ट द्वारा ख़ारिज कर दी जाती है. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 10 दिसंबर 2024 को एक महत्वपूर्ण आदेश दिया कि प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए डीएड उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. 31 दिसम्बर 2024 विभाग द्वारा बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की सेवा समाप्ति के लिए सूचना पत्र जारी कर दिया जाता है. 10 जनवरी 2025 विभाग द्वारा सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया जाता है. इन शिक्षकों का कहना था कि सरकार ने भर्ती विज्ञापन में दोनों योग्यताओं को मान्यता दी थी, फिर बीएड शिक्षकों को बाहर करना अन्यायपूर्ण है.
126 दिन के आंदोलन में कब-कब क्या हुआ
14 दिसम्बर, अनुनय यात्रा (पैदल मार्च) :
बीएड सहायक शिक्षकों ने 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा शुरू की गई थी. रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से यात्रा धरने में बदल गई. इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए पत्र भी भेजे.
22 दिसम्बर, ब्लड डोनेशन कैंप :
धरना प्रदर्शन शुरू होने के बाद, शिक्षकों ने 22 दिसंबर को धरना स्थल में ही ब्लड डोनेशन कैंप लगाया. इस शिविर में शिक्षकों ने रक्तदान कर सरकार तक यह संदेश पहुंचाया कि वे समाज और देश की भलाई के लिए समर्पित हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
26 दिसंबर, सामूहिक मुंडन :
आंदोलन में बैठे सहायक शिक्षकों ने अपनी मांगों की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए सामूहिक मुंडन कराया. पुरुषों के साथ महिला टीचर्स ने भी अपने बाल कटवाए. कहा, ये केवल बालों का त्याग नहीं बल्कि उनके भविष्य की पीड़ा और न्याय की आवाज है.
28 दिसंबर, यज्ञ हवन :
आंदोलन पर बैठे शिक्षकों ने मुंडन के बाद यज्ञ और हवन करके प्रदर्शन किया. कहा कि, यदि हमारी मांगे नहीं मानी गईं, तो आगे सांकेतिक सामूहिक जल समाधि लेने को मजबूर होंगे.
29 दिसंबर, भेंट :
आदिवासी महिला शिक्षिकाओं ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली. 2 घंटे तक बंगले के सामने मुलाकात के लिए डटे रहे.
30 दिसंबर, जलसमाधि :
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लेकर जल सत्याग्रह किया. देर रात तक लगातार 8 घण्टे पानी में खड़े प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर अटल हैं. सरकार तक ये संदेश देना चाहते हैं कि सुशासन में हमारी नौकरी भी बचा ली जाए और समायोजन किया जाए.
1 जनवरी, घेराव :
सभी प्रदर्शनकारियों ने मिलकर माना स्थित बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का घेराव कर दिया. यहाँ 30 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
2 जनवरी – पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया.
3 जनवरी, अन्नत्याग :
मांगे पूरी नहीं होने से नाराज सहायक शिक्षकों ने अन्नत्याग कर सामूहिक अनशन शुरू किया.
6 जनवरी, फ्रैंचाइज़ी त्यागः
राज्य निर्वाचन आयोग जाकर मतदाता परिचय पत्र लौटाकर मतदान का बहिष्कार किया गया, चुनाव आयुक्त के नाम ज्ञापन दिया गया.
7 जनवरी शालेय शिक्षक संघ ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया.
8 जनवरी, बिरगांव रैली :
बीएड प्रशिक्षितों के समर्थन में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने आमसभा की तथा रैली निकाली.
10 जनवरी, शवयात्रा :
NCTE यानि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन की शवयात्रा निकालकर प्रदर्शन किया.
12 जनवरी दण्डवत प्रणाम :
माना बस्ती से शदाणी दरबार तक दंडवत यात्रा निकाली गई.
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