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नई दिल्ली. भारत ने बीते सालों में भले ही तेजी से आर्थिक प्रगति की है, लेकिन यह प्रगति कुछ कार कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित नहीं हुई है, जिसकी वजह से वे भारत के फलते-फूलते बाजार को छोड़कर जा चुकी है, या जाने की तैयारी कर रही हैं. इसमें अमरीकी कार कंपनी शेवरले (Chevrolet) के बाद अब यूरोपीय कार कंपनी फिएट (Fiat Chrysler Automobiles) की बारी है, माना जा रहा है कि कंपनी अक्टूबर 2019 में भारतीय बाजार को अलविदा कह देगी.
फिएट ने भारत के बाजार में दो कार लांच किए हैं, पुंटो और लिनिया. इनमें से पुंटो के लक्जरी वेरियंट अबराथ, वेंचुरा और अरबन क्रास जैसे भी लांच किए, लेकिन मार्केट पर पकड़ बनाने में नाकामयाब रही. मारुति-सुजुकी, हुंदई, महिंद्रा एंड महिद्रा, टाटा मोटर्स जैसे कंपनियों से बहुत पीछे स्कोदा, फॉक्सवेगन, इसुजू जैसी कंपनियों के साथ दसवें पायदान पर कंपनी खड़ी नजर आती है.
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सुरक्षा के नए मापदंड पड़ रहे भारी
मार्केट में कमजोर पकड़ और ऊपर से भारत में इस साल अक्टूबर माह से लागू होने वाला भारत न्यू व्हीकल सेफ्टी एसेसमेंट प्रोग्राम (वाहन सुरक्षा का नया मापदंड) और पर्यावरण के दृष्टिकोण से अगले साल से सभी वाहन इंजनों के उत्सर्जन पर लागू होने वाला बीएस-VI स्टेंडर्ड फिएट के लिए गले की हड्डी बन गया है. इन मानकों का पालन करने कंपनी को न केवल अपने इंजनों के सुधार में बल्कि कार की डिजाइन में भी बदलाव करना पड़ेगा, जिस पर भारी भरकम खर्च होगा.
जीप की मौजूदगी रहेगी बरकरार
कम बिक्री की मद्देनजर कंपनी यह खर्च उठाना नहीं चाहती, लिहाजा कंपनी ने भारतीय बाजार को ही अलविदा करने का मन बना लिया है. लेकिन कंपनी की दूसरा ब्रांड जीप की भारत में अपनी मौजूदगी बरकरार रखेगी, बल्कि आने वाले समय में कम्पास के अलावा एक और एसयूवी लांच करने जा रही है.
कार प्रेमियों के लिए एक झटका
फिएट का जाना यूरोपीय कार खासतौर से फिएट को पसंद करने वाले लोगों के लिए एक तरह से झटका है. फिएट उन गिनी चुनी मल्टीनेशनल कंपनियों में से जिनकी भारत में मौजूदगी मारुति से पहले रही है, लेकिन प्रतिस्पर्धा के दौर में प्रतिद्वंदियों के आगे टिक नहीं पाने के कारण एक बार फिर से भारतीय बाजार को अलविदा कहना पड़ रहा है.