इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च हो मनाई जाएगी. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि रात 9 बजकर 58 मिनट पर आरंभ होगी और 9 मार्च को शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी. महाशिवरात्रि के लिए निशिता काल पूजा का मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में होना आवश्यक है, इसलिए महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी. रात्रि का आठवां मुहूर्त निशिता काल कहलाता है. इस दिन निशा काल रात्रि 9 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाएगी.

300 वर्ष बाद बन रहे दुर्लभ संयोग

इस बार महाशिवरात्रि के साथ शुक्र प्रदोष व्रत भी है. जिससे इसका महत्व कहीं अधिक बढ़ जाएगा. साथ इस दिन शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. इन योगों में किए गए पूजा-पाठ और शुभ कार्य का कई गुना ज्यादा फल मिलता है. Read More – ‘मरने के बाद’ जिंदा हुई Poonam Pandey, Video आया सामने …

ग्रह संयोग

इस बार महाशिवरात्रि पर शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है. साथ ही सूर्यदेव अपने पुत्र शनि की राशि कुंभ में चन्द्रमा के साथ विराजित रहेंगे. ग्रहों की ये स्थिति त्रिग्रही योग का निर्माण कर रही है, जो कि फलदायी है. इस दिन निशा काल रात्रि 9 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाएगी.

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

पहले प्रहर का समय 8 मार्च को शाम 6 बजकर 25 मिनट से रात 9 बजकर 23 मिनट तक रहेगा
वहीं दूसरे प्रहर का समय रात 9 बजकर 28 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा
तीसरा प्रहर रात 12 बजकर 31 मिनट से 3 बजकर 34 मिनट तक रहेगा
चौथा प्रहर सुबह 3 बजकर 34 मिनट से सुबह 6 बजकर 37 मिनट तक रहेगा Read More – Ekta Kapoor ने Ankita Lokhande को दिया बड़ा ऑफर! Bigg Boss के बाद इस सीरियल में आ सकती हैं नजर …

बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग

इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र, शिवयोग, गुरु करण और मकर/कुंभ राशि में चंद्रमा रहेगा. कुंभ राशि में सूर्य, शनि और बुध की युति रहेगी. इस प्रकार का योग तीन वृषभ में एक या दो बार बनता है, जब नक्षत्र, योग और राशि की त्रिकोण स्थिति केंद्र के साथ संबंध में आती है. जन्मदिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग में शिव की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. सर्वार्थ सिद्धि योग आर्थिक लाभ और कार्य सिद्धि के लिए विशेष शुभ माना जाता है. इस शुभ योग में कोई भी नया कार्य, व्यवसाय या नौकरी शुरू करना शुभ फल देने वाला माना जाता है.